मंत्री नंद गोपाल नंदी ने लगाया करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप, सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर की शिकायत
यूपी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गु्प्ता ने नोएडा प्राधिकरण द्वारा एंबिएंस इंफ्रस्ट्रक्चर कंपनी को गलत तरह से फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस संबंध में सीएम योगी को शिकायत की है.

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपनी ही सरकार के अधीन काम कर रहे नोएडा विकास प्राधिकरण पर करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर कहा कि नोएडा की एक कंपनी को गलत तरह से करोड़ों का फायदा पहुंचाने गया और शिकायत के बावजूद पूरे मामले पर चुप्पी साध ली गई है. हालांकि शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इन आरोपों से इनकार किया है.
मंत्री नंद गोपाल गु्प्ता ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा एंबिएंस इंफ्रस्ट्रक्चर कंपनी को 18 जुलाई 2007 को एक भूखंड आवंटित किया था. जिसकी लीज डीड साल 2018 में की गईं. इस दौरान कंपनी को जीरो पीरियड का गलत तरह से फायदा दिया गया ताकि कंपनी को इसका अर्थदंड या ब्याज न चुकाना पड़े. इस तरह से आवंटी को 2007 की दर पर 11 साल बाद 2018 में जमीन दे गई.
करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप
मंत्री ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में कंपनी को फायदा पहुंचाया गया. इसके बाद भी साल 2022 तक आवंटी ने प्राधिकरण को सैकड़ों करोड़ रुपये की देनदारी का भुगतान नहीं किया और न ही ज़मीन पर निर्माण के लिए नक्शा दाखिल कराया. उल्टा उस भूखंड को एक तीसरी पार्टी को ट्रांसफ़र कर सैकड़ों करोड़ का प्रीमियम ले लिया. उन्होंने कहा कि जब इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद भूखंड का आवंटन निरस्त करने और कब्जा पुन: प्राप्त करने के निर्देश दिए गए तो कार्रवाई पर चुप्पी साध ली गई.
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नंदी ने अधूरी पड़ी (लीगेसी स्टाल्ड) हाउसिंग परियोजनाओं में भी सह विकासकर्ता नीति के दुरुपयोग का जिक्र किया और कहा इससे संबंधित शासनादेश 21 दिसंबर 2003 को दिया गया था लेकिन उससे पहले ही 2022 और अप्रैल 2023 में संबंधित भूखंड को तीसरी पार्टी को ट्रांसफ़र कर दिया गया और नक्शा भी पास करा लिया गया. आरोप है कि इस प्रक्रिया को वैध ठहराना के लिए बाद में इसे प्राधिकरण के एजेंडे में शामिल किया गया ताकि थर्ड पार्टी को फायदा हो.
उन्होंने कहा कि इस परियोजना में फ्लैटों की रजिस्ट्री भी की जा रही है जो नीतिगत प्रक्रियाओं के खिलाफ मानी जा रही है. वहीं शाम के उच्च अधिकारियों ने मंत्री के आरोपों को खारिज किया हा और पत्र में किए गए दावों को तथ्य आधारित नहीं बताया है. इस मामले को लेकर अब सियासी हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. नंदी इससे पहले भी प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं.
Source: IOCL





















