यूपी के इस जिले में शहर के बाहर शिफ्ट होंगे बस अड्डे, जाम की समस्या से मिलेगा निजात
UP News: उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन और एनसीआरटीसी की टीम शहर के बाहर 39 हजार वर्ग मीटर में 2 बस अड्डे का निर्माण कराने जा रही है.

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर को जाम की समस्या से उबरने के लिए प्रशासन कई तरह के उपायों पर काम कर रहा है. इसी कड़ी में मेरठ में रिंग रोड के निर्माण के साथ भैंसाली रोडवेज बस स्टैंड को शहर के बाहर दो जगहों पर स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
मेरठ के इन दोनों स्थानों पर जिला प्रशासन, तहसील और एनसीआरटीसी की टीम ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है. अब जिला प्रशासन भूमि का अंतिम परीक्षण कर रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि एक हफ्ते के भीतर इस काम को पूरा करके जमीन मालिकों को भुगतान किया जा सकता है.
39 हजार वर्ग मीटर में बनेगा बस अड्डा
मेरठ को जाम फ्री करने के लिए महानगर की योजना साल 2021 में ही तैयार की गई थी. इस योजना के अंतर्गत शहर में चलने वाली निजी और रोडवेज बस अड्डों को बाहर स्थानांतरित करने का फैसला लिया गया था. इसके लिए भूमि भी चिन्हित की गई थी. मेरठ में ये फैसला शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए लिया जा रहा है. ताकि शहर में आने वाली 400 से ज्यादा बसें और निजी वाहनों को राज्य के बाहर से ही निकाला जाएं.
इस योजना के अंतर्गत सबसे पहले भैंसाली बस अड्डे को शहर के बाहर बनाने का काम किया जाएगा. इस बस अड्डे को दो भागों में बांटकर भूड़बराल और मोदीपुरम में स्थानांतरित किया जाएगा. दोनों बस अड्डों के निर्माण के लिए 4 गांवों की कुल 39,930 वर्ग मीटर की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है.
बस अड्डे का खर्चा एनसीआरटीसी उठा रही है
भूडबराल में बस अड्डे के निर्माण के लिए 28 हजार वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. जबकि मोदीपुरम में 11 हजार वर्ग मीटर जमीन में बस अड्डे का निर्माण कराया जाएगा. वहीं बस अड्डे के लिए निर्माण का खर्च एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) उठा रही है. भूमि अधिग्रहण की तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद जिला प्रशासन, तहसील और एनसीआरटीसी की टीम मिलकर ज्वाइंट मेजरमेंट सर्वे का काम कर रही है. दावा किया जा रहा है कि एक हफ्ते के परीक्षण का कार्य खत्म करके अधिग्रहण की अंतिम घोषणा की जाएगी. साथ ही भू-स्वामियों को भी भुगतान किया जाएगा.
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Source: IOCL





















