Abbas Ansari News: अब्बास अंसारी की विधायकी पर संकट, जानिए क्या कहता है कानून?
Abbas Ansari News: हेट स्पीच मामले में सजा के ऐलान के बाद अब सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. अदालत ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है.

Abbas Ansari Hate Speech Case: उत्तर प्रदेश की मऊ सदर से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. मऊ की एमपी एमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा और दो हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद अब अब्बास अंसारी की विधायकी पर खतरे के बादल मडराने लगे हैं.
मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. के.पी. सिंह ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने अब्बास अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 189, 153ए, 171एफ और 506 के तहत दोषी माना. कोर्ट ने इन्हें अलग-अलग धाराओं में यह सजा सुनाई. धारा 189 के तहत 2 साल की सजा, धारा 153ए के तहत 2 साल की सजा, धारा 171एफ के तहत 6 महीने की सजा, धारा 506 के तहत 1 साल की सजा. कोर्ट ने साफ किया है कि ये सारी सजाएं एक साथ चलेंगी. इस मुकदमे में उनके छोटे भाई उमर अंसारी को कोर्ट ने बरी कर दिया है. वहीं सह-आरोपी मंसूर अंसारी को साजिश रचने का दोषी मानते हुए कोर्ट ने 6 महीने की सजा दी है.
साल 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान का है मामला
यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान का है. आरोप था कि अब्बास अंसारी ने चुनावी सभा में भड़काऊ भाषण दिया और अधिकारियों को धमकी दी. मामला मऊ के कोतवाली थाने में दर्ज हुआ था. पुलिस ने जांच कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. इसके बाद शनिवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया.
अब्बास अंसारी की विधायकी पर संकट
इस फैसले का अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता पर सीधा असर पड़ेगा. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, अगर किसी विधायक या सांसद को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः रद्द मानी जाती है. इस फैसले के बाद अब अब्बास अंसारी की विधानसभा की सदस्यता जाने की पूरी संभावना बन गई है.
अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ सदर सीट से सुभासपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने मंच से विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को धमकी दी थी. इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ. फिलहाल इस सजा के बाद मऊ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि विधानसभा सचिवालय उनकी सदस्यता पर क्या फैसला लेता है.
मामले में अभियोजन अधिकारी ने क्या कहा?
मऊ की सदर से विधायक अब्बास अंसारी हेट स्पीच मामले में फैसला सुनाया गया है. अभियोजन अधिकारी हरेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि यह घटना 3 मार्च 2022 की है, जिसकी एफआईआर 4 मार्च 2022 को दर्ज कराई गई थी. विवेचना के उपरांत 11 मई 2022 को चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई थी.
अधिकारी ने कहा कि इस मामले में 16 जनवरी 2024 को आरोप तय किए गए. उमर अंसारी न्यायालय में पेश नहीं हो रहे थे, जिस कारण उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू (गिरफ्तारी वारंट) जारी किया गया. इसके बाद 82 की कार्रवाई की स्थिति भी बनी. बाद में उमर अंसारी की पत्रावली को इस मामले से अलग कर दिया गया. इसी कारण आज जब विधायक अब्बास अंसारी को सजा सुनाई गई, तो उमर अंसारी उसमें शामिल नहीं थे.
उन्होंने बताया कि उमर अंसारी को अलग करने के बाद अब्बास अंसारी और मंसूर अंसारी के विरुद्ध आरोप तय किए गए. 16 जनवरी 2024 को आरोप पत्र दाखिल हुआ और 30 जनवरी 2024 से न्यायिक प्रक्रिया शुरू हुई. 10 सितंबर 2024 तक सभी गवाहों की गवाही पूरी हो गई. वादी मुकदमे में गंगाराम बिंद थे. उनके बाद साक्ष्य देने वालों में हमराही कांस्टेबल सतीश कुमार, कांस्टेबल अजय कुमार, और कांस्टेबल बलराम ने अदालत में गवाही दी और उनके विरुद्ध साक्ष्य प्रस्तुत किए. लेखक संतोष कुमार यादव थे, जबकि विवेचक एसआई सुशील कुमार द्विवेदी थे. 10 सितंबर 2024 को उनका भी बयान दर्ज किया गया.
अभियोजन अधिकारी ने बताया कि आज इस मामले में सीजीएम मऊ द्वारा फैसला सुनाया गया. कोर्ट ने विधायक अब्बास अंसारी और मंसूर अंसारी को दोषी ठहराया है. उमर अंसारी को पहले ही इस मामले से अलग किया जा चुका था.
कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा निम्नलिखित है:
धारा 171F के तहत: 6 माह की सजा और ₹1000 का जुर्माना
धारा 189 के तहत: 2 वर्ष की सजा और ₹3000 का जुर्माना
धारा 153A के तहत: 2 वर्ष की सजा और ₹3000 का जुर्माना
धारा 506 के तहत: 1 वर्ष की सजा और ₹2000 का जुर्माना
धारा 120B के तहत: 6 माह की सजा और ₹1000 का जुर्माना
दोनों आरोपियों पर कुल ₹11,000 का जुर्माना लगाया गया है.
(राहुल सिंह के इनपुट के साथ रिपोर्ट)
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