(Source: ECI | ABP NEWS)
यूपी की इस सीट पर उपचुनाव की तैयारी जारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा मामला, क्या होगा?
UP News: मऊ सदर सीट से साल 2022 विधानसभा चुनाव में सुभासपा के टिकट पर जीतने वाले माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी को मऊ कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान हेट स्पीच मामले में सजा सुनाई थी.

मऊ सदर सीट पर संभावित विधानसभा उपचुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. इसी क्रम में रोल ऑब्जर्वर व मंडलायुक्त विवेक 10 सितंबर को जिले का भ्रमण करेंगे, वे इस दौरान मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बैठक करेंगे और चुनाव संबंधी तैयारियों की समीक्षा करेंगे. मंडलायुक्त विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य का भी निरीक्षण करेंगे. इसके तहत प्राथमिक विद्यालय बरलाई (तहसील सदर) और अब्दुल लतीफ नोमानी इंटर कॉलेज (तहसील सदर) के बूथों का स्थलीय निरीक्षण प्रस्तावित है. इस बैठक में निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण की प्रगति पर भी चर्चा होगी.
अब्बास अंसारी मामले से बढ़ी हलचल
गौरतलब है कि मऊ सदर सीट से साल 2022 विधानसभा चुनाव में सुभासपा के टिकट पर जीतने वाले माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी को मऊ कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान हेट स्पीच मामले में सजा सुनाई थी. हालाँकि हाई कोर्ट से उन्हें स्थगन आदेश भी मिल चुका है. फिर भी प्रशासनिक कार्रवाई के चलते राजनीतिक हलचल तेज है, लोगों के बीच चर्चाओं का दौर जारी है कि स्थगन आदेश होने के बावजूद अब्बास अंसारी तकनीकी कारणों से विधायक पद का लाभ क्यों नहीं उठा पा रहे हैं.
एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा
बता दें कि अब्बास अंसारी ने विधायकी बहाल कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, इस याचिका में इलेक्शन कमीशन और प्रमुख सचिव को पक्षकार बनाया है. अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय के जरिए याचिका दाखिल की गई है. मऊ सदर से विधायक रहे अब्बास को एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ ने दो साल की सजा सुनाई थी, इस सजा के चलते अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई थी. हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी की सजा पर 20 अगस्त को रोक लगा दी है लेकिन अब तक विधायकी बहाल नहीं हो सकी है. जिसके चलते अब्बास अंसारी ने दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, इस याचिका में विधानसभा सदस्यता बहाल करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
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