मथुरा में यमुना का रौद्र रूप: जलस्तर 165.87 मीटर, गांव और कुंभ क्षेत्र जलमग्न, किसानों को भारी नुकसान
Mathura News: यमुना से सटे गांवों में पानी घुस गया, सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गईं, और किसानों के सिंचाई इंजन डूबने से लाखों का नुकसान हुआ. वृंदावन का कुंभ मेला क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में है.

उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना नदी ने एक बार फिर रौद्र रूप दिखाया है. यमुना का जलस्तर 165.87 मीटर पर पहुंच गया, जो चेतावनी स्तर (165.20 मीटर) से 67 सेंटीमीटर ऊपर और खतरे के निशान (166 मीटर) से 13 सेंटीमीटर नीचे है. भारी बारिश और ताजेवाला बांध से 1.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदी उफान पर है.
यमुना से सटे गांवों में पानी घुस गया, सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गईं, और किसानों के सिंचाई इंजन डूबने से लाखों का नुकसान हुआ. वृंदावन का कुंभ मेला क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में है.
प्रभावित क्षेत्र और नुकसान
यमुना के उफान से मथुरा और वृंदावन के निचले इलाकों में जलजमाव हो गया. सड़कों पर पानी भरने से संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं. नौझील, बाराघाट, और बिहार घाट जैसे क्षेत्रों में लोग सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं. वृंदावन के परिक्रमा मार्ग और केशी घाट की सीढ़ियां जलमग्न हैं. किसानों की फसलों और सिंचाई उपकरणों को भारी नुकसान हुआ है. नगला अकोस गांव टापू बन गया, जहां बाढ़ के कारण बना पुल टूट गया. सरकार ने नए पुल की स्वीकृति दे दी है.
डीएम ने किया निरीक्षण
मथुरा के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. जिलाधिकारी ने बताया कि 39 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जहां खाने-पीने और पशुओं के चारे की व्यवस्था है. नगला अकोस में टूटे पुल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई, और खराब ट्रांसफार्मर बदल दिया गया. उन्होंने लोगों से नदी में स्नान या जल क्रीड़ा से बचने की अपील की. पुलिस ने बंगाली घाट के पास पुराने पुल पर बैरिकेडिंग की, लेकिन कुछ युवक यमुना में छलांग लगा रहे हैं, जिसे रोकने के लिए पुलिस तैनात है.
राहत और बचाव कार्य
जिलाधिकारी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और बाढ़ जैसी कोई बड़ी स्थिति नहीं है. गांव खाली नहीं कराए गए, लेकिन मुनादी के जरिए सतर्कता बरतने को कहा गया है. नावों और स्टीमरों की व्यवस्था की गई है. प्रशासन ने खाने-पीने की सामग्री और चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की हैं. जलस्तर के बुधवार दोपहर तक सामान्य होने की उम्मीद है.
निचले इलाकों में खतरा
यमुना के बढ़ते जलस्तर से वृंदावन के निचले इलाकों में नावें चल रही हैं. प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है. बावजूद इसके, कुछ लोग खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैं. भारी बारिश के कारण सड़कों और खेतों में जलजमाव ने जनजीवन को प्रभावित किया है.
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Source: IOCL
























