महोबा में खाद न मिलने पर गुस्साए किसानों का चक्का जाम, पुलिस ने भांजी लाठियां
Mahoba News: महोबा में खाद न मिलने पर किसानों का कहना है कि खेतों में बुवाई का समय निकल रहा है और खाद न मिलने से उनकी मेहनत बेकार जा रही है. इसलिए हाईवे पर जाम लगाया गया है.

महोबा जनपद के कबरई में खाद वितरण में अनियमितता के विरोध में किसानों ने कानपुर-सागर हाईवे पर जोरदार प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसान हाईवे पर बैठ गए और जाम लगा दिया. जाम के चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और राहगीरों को भारी परेशानी हुई. वहीं जाम में एंबुलेंस और सरकारी वाहन भी फंस गए.
सूचना पाकर मौके पर थाना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे. किसानों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन जब भीड़ नियंत्रण से बाहर होने लगी तो पुलिस को मजबूरन बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान पुलिस ने हवा में लाठी भांजी और जाम खुलवाया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
किसानों ने लगाए गंभीर आरोप
बता दें कि कबरई नंबर-2 साधन सहकारी समिति में खाद पर्याप्त रूप से उपलब्ध होने के बावजूद किसानों को नहीं दी जा रही है. आरोप है कि पैसे देकर टोकन लेने वाले किसानों को ही प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि अन्य किसानों को बार-बार मना किया जा रहा है.
किसानों का कहना है कि खेतों में बुवाई का समय निकल रहा है और खाद न मिलने से उनकी मेहनत बेकार जा रही है. इसलिए हाईवे पर जाम लगाया गया. पुलिस द्वारा जाम खुलवाने के लिए हवा में लाठी भांजी गई हैं.
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष ने क्या कहा?
वहीं इस लाठीचार्ज पर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के जिलाध्यक्ष रामखेलावन शुक्ला ने बताया कि किसानों की आड़ में कुछ अराजकतत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इन अराजकतत्वों ने एंबुलेंस समेत अन्य वाहनों को हाईवे पर फंसाया और स्थिति को और तनावपूर्ण बनाया.
पुलिस ने समय रहते हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया और जाम हटवाया है.प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा और खाद वितरण में सुधार किया जाएगा.
लाठीचार्च पर क्या बोले थाना प्रभारी
पुलिस पर किसानों के ऊपर लाठी चलाने के मामले में कबरई थाना प्रभारी सत्यवेंद्र सिंह बताते है कि किसानों के बीच में कुछ अराजकतत्व जान बूझकर माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे थे और जाम नहीं खोला जा रहा था, जिसके चलते उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग कर हटाया है. किसानों के साथ मारपीट नहीं की गई बल्कि हवा में लाठियां चलाई गई है. ऐसे अराजकतत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
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Source: IOCL





















