लखनऊ में एलडीए प्लॉट घोटाले का भंडाफोड़, छह आरोपी गिरफ्तार, STF ने यूं दबोचा
Lucknow News: एसटीएफ की जांच में पता चला कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के विभिन्न योजनाओं के तहत आवंटित प्लॉटों को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया गया.

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के प्लॉटों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचे जाने के बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने इस घोटाले में शामिल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने मिलकर खाली पड़े प्लॉटों का फर्जी दस्तावेज तैयार किया और उन्हें भोले-भाले लोगों को बेच दिया. इस घोटाले में एलडीए के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है.
कैसे हुआ घोटाला?
एसटीएफ की जांच में पता चला कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के विभिन्न योजनाओं के तहत आवंटित प्लॉटों को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया गया. आरोपियों ने एलडीए के रिकॉर्ड से खाली प्लॉटों की जानकारी जुटाई. फिर इन प्लॉटों का फर्जी दस्तावेज तैयार कर नए मालिक के नाम से रजिस्ट्री कर दी. इस दौरान प्लॉट खरीदने वाले लोगों को असली दस्तावेजों का झांसा दिया गया और मोटी रकम वसूली गई.
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कहां-कहां हुई धोखाधड़ी?
एसटीएफ ने जांच के दौरान पाया कि यह फर्जीवाड़ा खासतौर पर गोसाईंगंज, जानकीपुरम विस्तार, गोमती नगर और सरोजिनी नगर में किया गया था. लखनऊ के विभिन्न हिस्सों में एलडीए की योजनाओं के तहत कई प्लॉट खाली पड़े थे, जिन्हें इस गिरोह ने अपना निशाना बनाया.
कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विपिन कुमार गुप्ता, रमेश चंद्र सिंह, लफ्फू सिंह, मुकेश मौर्य, रघुलाल सिंह और धनंजय सिंह शामिल हैं. इन सभी को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया. आरोपियों से 23 फर्जी रजिस्ट्री के दस्तावेज, 2 बैंक पासबुक, 6 चेक बुक, 4 पेन ड्राइव, 9 मोबाइल फोन, 12,710 रुपये नकद और 2 कारें बरामद की गई हैं.
पहले भी हो चुका है एलडीए में घोटाला
यह पहला मामला नहीं है जब एलडीए के प्लॉटों में गड़बड़ी का मामला सामने आया हो. इससे पहले भी जानकीपुरम विस्तार, राधाग्राम योजना और गोमती नगर विस्तार में कई लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्लॉट बेचे जा चुके हैं. वर्ष 2023 में भी एलडीए के कुछ अधिकारियों पर अवैध प्लॉटिंग कराने और फर्जी नामों से प्लॉट आवंटित करने का आरोप लगा था.
क्या बोले अधिकारी?
एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और कई लोगों को धोखा दे चुका था. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उनके संपर्कों की भी जांच की जा रही है. एलडीए से जुड़े कुछ अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है और जल्द ही अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है.
आगे क्या होगा?
पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच जारी है. साथ ही लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. अगर कोई प्लॉट खरीद रहा है तो उसे एलडीए से सत्यापन कराना अनिवार्य है. प्रशासन ने कहा है कि इस तरह की धोखाधड़ी रोकने के लिए अब ऑनलाइन रजिस्ट्री और डिजिटल वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया जाएगा.
यह घोटाला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो सस्ते प्लॉट के लालच में बिना जांच-पड़ताल किए खरीदारी कर लेते हैं. एलडीए और पुलिस ने अपील की है कि प्लॉट खरीदने से पहले सभी दस्तावेजों की पूरी तरह जांच कर लें.
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Source: IOCL
























