UP Politics: यूपी की हॉट सीट बनी कुशीनगर, कमल लगाएगा हैट्रिक या सपा की दौड़ेगी साइकिल? जानें- सियासी समीकरण
UP Politics: यूपी की कुशीनगर सीट इन दिनों हॉट सीट बनी हुई है. इस सीट पर बीजेपी के कई दावेदार अपनी ताकत लगा रहे हैं तो वहीं विपक्ष के पास कोई चेहरा तक नहीं है.

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की कुशीनगर सीट कई दावेदारों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है. बीजेपी ने जहां कई दावेदार में होड़ मची है तो वहीं गठबंधन के पास कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा. इसकी वजह बड़े नेताओं का अपने दलों से मोहभंग होना है. इस सीट पर पिछले दो बार से बीजेपी का कब्जा है. वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह बीजेपी में चले गए और स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा छोड़ने के बाद यहां कांग्रेस-सपा का तिलिस्म टूट गया है.
यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन में ये सीट सपा के खाते में आई है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक बार फिर यहां कमल की हैट्रिक लगेगी या सपा की साइकिल दौड़ेगी. साल 2009 में जब ये सीट अस्तित्व में आई, तो यहां कांग्रेस के टिकट पर आरपीएन सिंह ने जीत दर्ज की. लेकिन पिछले दो चुनाव से यहां बीजेपी का क़ब्ज़ा है. 2014 में राजेश पाण्डेय और 2019 विजय दुबे ने जीत दर्ज की है.
बीजेपी में एक सीट के लिए कई दावेदार
इस बार 2024 में वर्तमान सांसद विजय दुबे के टिकट कटने की चर्चा जोरों पर है. जानकार बताते हैं कि इस सीट पर विजय दुबे समेत पूर्व सांसद राजेश पाण्डेय, कसया विधायक पीएन पाठक और खड्डा के पूर्व विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने पूरा जोर लगा दिया है. जटाशंकर तो जनता के बीच जाकर अपना जनाधार भी मजबूत कर रहे हैं. वहीं सपा से स्वामी प्रसाद मौर्य का मोहभंग के बाद इस सीट पर पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर तिवारी, पूर्व सांसद बालेश्वर यादव और पूर्व एमएलसी राम अवध यादव की ही दावेदारी दिखाई दे रही है. ऐसे में सपा से किसी बाहरी को भी टिकट मिलने का अंदेशा जताया जा रहा है.
सपा को सीट मिलने के बाद कांग्रेस के नेता अजय लल्लू को लेकर संशय बरकरार है. हालांकि जिस तमकुहीराज विधानसभा सीट से वे विधायक रहे हैं, वो सीट देवरिया लोकसभा में पड़ती है. इसके साथ ही फाजिलनगर विधानसभा सीट भी देवरिया लोकसभा का हिस्सा है. बसपा की बात करें, तो यहां बसपा का कोई जनाधार नहीं रहा है. ऐसे में बसपा के पास प्रत्याशी के रूप में पूर्व जिलाध्यक्ष हरेन्द्र गौतम और कलामुद्दीन का ही चेहरा बचा है.
कुशीनगर का जातिगत समीकरण
कुशीनगर में सवर्ण वोटरों की आबादी 14 फीसदी है इसके साथ ही ओबीसी वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है. ओबीसी वोटर यहां 55 फीसदी से अधिक है. इनमें सैंथवार-मल्ल बिरादरी के वोट सर्वाधिक हैं. इनमें अलावा यादव, निषाद, बनिया और अन्य बिरादरी के वोट शामिल हैं. इसके अलावा अनुसूचित जाति के वोट 17 फीसदी हैं और मुस्लिम वोटर भी करीब 15 प्रतिशत के करीब हैं. अन्य वोटरों की संख्या 7 प्रतिशत तक है.
कुशीनगर जिले में आने वाली विधानसभा
यहां सात विधानसभा खड्डा, पडरौना, कुशीनगर, हाटा, रामकोला, तमकुहीराज और फाजिलनगर शामिल है. हालांकि तमकुहीराज और फाजिलनगर विधानसभा सीट देवरिया लोकसभा क्षेत्र में आती है. ऐसे में पांच विधानसभा की बात करें, तो यहां की आबादी 31,16,553 है. इसमें पुरुषों की संख्या 15,91, 640 और महिलाओं की आबादी 15,24,913 है. कुशीनगर लोकसभा सीट पर कुल वोटरों की संख्या 18,63,111 है. इनमें पुरुष वोटर 9,80005, महिला वोटर 8,83000 है.
कुशीनगर लोकसभा सीट के पांच विधायक
कुशीनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली पांच विधानसभा में साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मोदी और भाजपा की लहर में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया था. यहां हाटा से भाजपा के मोहन वर्मा, कसया से भाजपा के पीएन पाठक, पडरौना से भाजपा के मनीष जायसवाल, रामकोला से भाजपा के विनय गौड़ और खड्डा से निषाद पार्टी के विवेकानंद पाण्डेय ने परचम लहराया.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















