ऋषिकेश में हाईकोर्ट बेंच का वकीलों ने किया विरोध, BAR एसोसिएशन ने कहा- यह किसी के हित में नहीं
Nainital High Court: बार एसोसिएशन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसने तत्काल एक बैठक बुलाकर इस पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि उच्च न्यायालय की पीठ ऋषिकेश शिफ्ट करने से कोई फायदा नहीं होगा.
Uttarakhand High Court: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार से उच्च न्यायालय की एक पीठ ऋषिकेश स्थित आइडीपीएल में हस्तांतरित करने की संभावनाएं तलाशने के लिये कहा है. इस आशय का एक न्यायिक आदेश उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश कुमार थपलियाल की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर दिया .
याचिका में ऋषिकेश में आईडीपीएल की विशाल कॉलोनी में अब भी रह रहे कंपनी के पूर्व कर्मचारियों को वहां से हटाये जाने की प्रार्थना की गयी है. इस दौरान उत्तराखंड के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर अदालत में मौजूद थे. प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी वर्चुअल रूप से कार्यवाही में जुड़ीं. ऋषिकेश में आईडीपीएल फैक्ट्री बरसों से बंद पड़ी है लेकिन 850 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैले इसके विशाल परिसर में इसके पूर्व कर्मचारी अब भी रह रहे हैं.
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बार एसोसिएशन ने किया विरोध
उच्च न्यायालय के जुबानी आदेश पर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसने तत्काल एक बैठक बुलाकर इस पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि उच्च न्यायालय की पीठ ऋषिकेश शिफ्ट करने से कोई फायदा नहीं होगा. एसोसियेशन ने कहा कि यह न तो याचिकाकर्ताओं के हक में होगा और न ही वकीलों के हित में होगा.
खंडपीठ ने वकीलों के विरोध को देखते हुए इस आदेश पर दस्तखत नहीं किए और बार एसोसियेशन को एक सप्ताह के अंदर उच्च न्यायालय की बेंच कहीं और शिफ्ट करने के बारे में एक लिखित प्रस्ताव के रूप में अपने विचारों से अवगत कराने को कहा. चीफ जस्टिस ने अपने फैसले के दौरान टिप्पणी की कि हाईकोर्ट को गोलापार में स्थानांतरित करना एक गलत फैसला था. वहीं हाईकोर्ट को वहीं बनाए रखने का फैसला किया गया है.
उन्होंने अपनी टिप्पणी में ऋषिकेश में एक पीठ के गठन की वकालत की है. इससे गढ़वाल इलाके के करीब 70 फीसदी वादियों की सुनवाई हो सकेगी.
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