नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ने से कुशीनगर के कई गांवों में बाढ़ का खतरा, ग्रामीणों की उड़ी नींद
Kushinagar News: नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी के कहर से खड्डा और तमकुहीराज तहसील के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर जाते हैं. खड्डा के नारायणपुर, मरचहवा, शालिगपुर सहित कई गांव तबाही झेलते हैं.

नेपाल के पहाड़ों से निकलने वाली नारायणी नदी हर साल खड्डा और तमकुहीराज़ तहसील क्षेत्र में अपना कहर बरपाती है. देर से बरसात होने की वजह से कुशीनगर में नारायणी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से जिले के सैकड़ों गांव बाढ़ के खतरे से जूझ रहे हैं. भैंसहा ग्राम सभा के समीप गेज के पास करीब 5 मीटर ठोकर कटकर नदी में समा गया है. छितौनी तटबंध के पास हो रही कटान ग्रामीणों की नींद उड़ा रहा है. बाढ़ खंड के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर मौजूद हैं और मरम्मत कार्य कराया जा रहा है.
ग्रामीणों का आरोप है कि मानसून से पहले करोड़ों की लागत से किए गए तटबंध मजबूतीकरण का घटिया कार्य अब पानी में बहता नजर आ रहा है. नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ने से कुशीनगर व महराजगंज का रेता क्षेत्र टापू बन चुका है. इससे लगभग 20 हजार लोग सीधे प्रभावित हो गए हैं. यूपी से सीधा संपर्क टूटने से लोग बिहार होकर ही गांव पहुंच पा रहे हैं. बड़ी गंडक, रोहुआ नाला समेत पहाड़ी नदियां भी उफान पर हैं. इन गांव में जाने के लिए एकमात्र कच्चा रास्ता बह जाने से लोग नाव से आवागमन करने को मजबूर हैं. मरीजों से लेकर बच्चों व किसानों तक सभी को परेशानी झेलनी पड़ रही है. प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की अपील की है.
नदी का जलस्तर कम होने से कटान शुरू
नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी के कहर से हर साल खड्डा और तमकुहीराज तहसील के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर जाते हैं. खड्डा के नारायणपुर, मरचहवा, शालिगपुर सहित कई गांव तबाही झेलते हैं. खड्डा क्षेत्र के रेता इलाका के संपर्क मार्ग पर एक बार फिर पानी भर गया है जिससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ गईं हैं.
हालांकि नदी का जलस्तर अभी काफी नीचे है. आज सुबह नारायणी नदी में एक लाख 71 हजार क्यूसेक पानी ही है. जैसे है यह जलस्तर साढ़े चार लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंचता है यह नदी कहर बरपाना शुरू कर देती है. अभी नदी का जलस्तर कम होने की वजह से कटान शुरू हो गया है. पिछले एक सप्ताह से जैसे बरसात हो रही है अगर यही हाल रहा तो एकबार फिर नदी का जलस्तर काफी बढ़ सकता है.
दर्जनों गांव हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं- विधायक विवेकानंद पांण्डेय
विधायक विवेकानंद पाण्डेय ने कहा है कि नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ने से लगभग दर्जनों गांव हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं. इनके गांव का सीधा संपर्क मार्ग टूट जाता है. यहां आवागमन के लिए सिर्फ एक मात्र रास्ता नाव ही रहता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भरोसा दिया है कि यहां जल्द ही पक्का पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा. पुल बनाने के लिए राज्य सेतु निगम की टीम ने निरीक्षण भी कर लिया है. स्वीकृति मिलते ही जल्द यहां स्थाई पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा. अभी वर्तमान में पीपा पुल है लेकिन नदी में जलस्तर बढ़ने पर इसको अस्थाई रूप हटा दिया जाता है. लोगों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उन्हें हर संभव मदद की जा रही है.
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Source: IOCL























