Kaushambi: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा, कई वर्षों से नौकरी रही 3 टीचर की डिग्री निकली फेक
उत्तर प्रदेश के कौशांबी में बेसिक शिक्षा विभाग में काम कर रहे छह कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया है. विभाग ने अपनी जांच में उनके दस्तावेज फर्जी पाए थे.

UP News: यूपी के कौशांबी (Kaushambi) में बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) में एक बार फिर से फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. यहां के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय (Kasturba Gandhi Residential School) में फर्जी दस्तावेजों के सहारे तीन शिक्षिकाएं और तीन रसोईया वर्षों से नौकरी कर रहीं थीं. इनके शैक्षिक रिकॉर्ड की जांच कराई गई तो वह फर्जी पाए गए. बीएसए ने इन्हें बर्खास्त करते हुए इनकी कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया. इसके अलावा धोखाधड़ी सहित तमाम गंभीर धाराओं में सभी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया. विभाग की कार्रवाई से हड़कंप का माहौल है.
कौशांबी जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वालों की लंबी फेहरिस्त है. गैर-जनपद के अलावा गैर-प्रांतों के विश्वविद्यालयों से फर्जी तरीके से डिग्री हासिल करने के बाद लोग नौकरी कर रहे हैं. इनमें पुरुष शिक्षक और स्टाफ के अलावा महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. संविदा के पद पर भी नौकरी करने के लिए लोग फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे हैं. शासन के निर्देश पर बीएसए प्रकाश सिंह ने जनपद के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कार्यरत सभी स्टाफ के दस्तावेजों का सत्यापन कराया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. झांसी जनपद के गुरु सिकत्रा बाजार की शोभा कुमारी जैन कौशांबी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में बतौर वार्डन संविदाकर्मी के रूप में नौकरी कर रही थी. मंझनपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में भरवारी कस्बे की रहने वाली साधना गुप्ता शिक्षिका के रूप में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करती पाई गई.
इन तीन रसोइयों का रद्द हुआ कॉन्ट्रैक्ट
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय नेवादा में शिक्षिका के पद पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे प्रयागराज एडीए कॉलोनी नीमसराय की निधि केसरवानी भी नौकरी कर रही थी. वहीं बबुरा की सुमन देवी फर्जी दस्तावेजों के सहारे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कौशांबी में सहायक रसोईया के पद पर काम कर रही थी. बरइन का पुरवा की प्रेम कुमारी रसोइया के पद पर सरसवां के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में काम कर रही थी. इनके अलावा अझुवा की रेखा रानी भी चायल के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में सहायक रसोईया के पद पर तैनात थी. बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया कि बीते वर्षों में शासन के निर्देश पर इनके दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया. सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए.
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Source: IOCL























