झांसी में फसल बीमा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा! बिना जमीन वाले किसानों के नाम पर करोड़ों का मुआवजा
Jhansi News: फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रीमियम की राशि जमा कराकर ऐसे लोगों को किसान दर्शाया गया, जिनके पास न तो कृषि भूमि थी और न ही उन्होंने किसी प्रकार की खेती की. विपक्ष ने कार्रवाई की मनाग की है.

उत्तर प्रदेश के झांसी में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जांच में खुलासा हुआ है कि बिना जमीन और खेती किए ही कई लोगों के नाम पर करोड़ों रुपये का बीमा मुआवजा निकाल लिया गया. इस फर्जीवाड़े में गैर-ऋणी किसानों के नाम पर बीमा कराकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया है. विपक्ष ने इस मामले पर बीजेपी सरकार को घेरते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें विभागीय कर्मियों की मिलिभिग्त के आरोप लगाए जा रहे हैं.
फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रीमियम की राशि जमा कराकर ऐसे लोगों को किसान दर्शाया गया, जिनके पास न तो कृषि भूमि थी और न ही उन्होंने किसी प्रकार की खेती की. इसके बावजूद उनके नाम पर बीमा क्लेम पास कराया गया और मुआवजे की राशि सीधे खातों में ट्रांसफर कर दी गई. जांच में यह भी सामने आया है कि कई गांवों में बड़ी संख्या में फर्जी खातों के जरिए बीमा कराया गया. कुछ मामलों में एक ही जमीन को कई लोगों के नाम दिखाकर अलग-अलग क्लेम लिया गया, जबकि कई ऐसे नाम भी सामने आए हैं जो राजस्व रिकॉर्ड में किसान के रूप में दर्ज ही नहीं हैं.
सूत्रों के अनुसार, बीमा कंपनियों, बैंक कर्मियों और कुछ स्थानीय स्तर के लोगों की मिलीभगत से यह पूरा खेल खेला गया. अनुमान है कि इस फर्जीवाड़े में करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया है. मामला उजागर होने के बाद कृषि विभाग और प्रशासन हरकत में आ गया है.
प्रशासन ने दिए जांच एक आदेश
प्रशासन ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं. दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. साथ ही गलत तरीके से उठाई गई मुआवजा राशि की रिकवरी भी की जाएगी. लेकिन विभागीय अधिकारियों की नाक के नीचे सरकारी धन का दुरुपयोग होता रहा, इसने सवाल खड़े कर दिए हैं.
विपक्ष ने खोला मोर्चा
फसल बीमा योजना का उद्देश्य वास्तविक किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई करना है, लेकिन इस तरह के फर्जीवाड़े से न केवल योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि जरूरतमंद किसानों के हक पर भी डाका पड़ रहा है. आज (22 दिसंबर) झांसी कलेक्ट्रेट में दोषियों पर कार्यवाही के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने दर्जनों किसानों के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है
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