IPL 2026 Auction: अमेठी के लाल ने किया कमाल, IPL में 14.20 करोड़ में बिके प्रशांत वीर
UP News: अबू धाबी में आयोजित आईपीएल 2026 नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने अमेठी के युवा क्रिकेटर प्रशांत वीर को 14 करोड़ 20 लाख रुपये की रिकॉर्ड बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल किया.

उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के लिए यह पल गर्व, खुशी और उत्साह से भरा है. संग्रामपुर ब्लॉक एवं थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव गूजीपुर मजरे सहजीपुर निवासी युवा क्रिकेटर प्रशांत वीर ने आईपीएल 2026 के ऑक्शन में इतिहास रच दिया है. अबू धाबी में आयोजित आईपीएल नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने प्रशांत वीर को 14 करोड़ 20 लाख रुपये की रिकॉर्ड बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल किया. यह बोली न सिर्फ अमेठी बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
आईपीएल ऑक्शन के दौरान जैसे ही प्रशांत वीर का नाम पुकारा गया, फ्रेंचाइजियों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. बोली बढ़ते-बढ़ते 14.20 करोड़ रुपये तक पहुंच गई और अंततः चेन्नई सुपर किंग्स ने बाजी मार ली. इतनी बड़ी रकम में चयन की खबर मिलते ही प्रशांत वीर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए.
ऑक्शन के साथ ही गांव में जश्न का माहौल
ऑक्शन की खबर आते ही गांव गूजीपुर में जश्न का माहौल बन गया. ग्रामीणों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाईं और ढोल-नगाड़ों के साथ खुशी मनाई. कोई फोन पर बधाई दे रहा था तो कोई सीधे उनके घर पहुंचकर परिवार को शुभकामनाएं दे रहा था. देर रात तक बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध उद्योगपति राजेश कुमार अग्रहरी उर्फ राजेश मसाला तथा अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा ने फोन कर पिता रामेंद्र त्रिपाठी को बधाई दी.
किसान पिता, सादगी भरा संयुक्त परिवार
प्रशांत वीर के पिता रामेंद्र त्रिपाठी एक मध्यमवर्गीय किसान हैं. सादगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी डिजिटल युग में वे स्वयं मोबाइल फोन नहीं रखते और परिवार के अन्य सदस्यों के मोबाइल से ही काम चला लेते हैं. वे तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं. दूसरे भाई मानवेंद्र त्रिपाठी अमेठी तहसील में अधिवक्ता हैं, जबकि सबसे छोटे भाई डॉ. एस.के. त्रिपाठी अमेठी कस्बे में निजी चिकित्सक हैं.
तीनों भाइयों का संयुक्त परिवार है. रामेंद्र त्रिपाठी के तीन बच्चे हैं. बड़ी बेटी निकिता त्रिपाठी की शादी चार वर्ष पहले हो चुकी है. दूसरे नंबर पर प्रशांत वीर हैं, जबकि सबसे छोटे बेटे आर्यवीर त्रिपाठी अभी पढ़ाई कर रहे हैं. बेटे की ऐतिहासिक सफलता से पूरा परिवार भावुक और गौरवान्वित है.
बचपन से क्रिकेट के प्रति जुनून
प्रशांत वीर का जन्म 24 नवंबर 2005 को हुआ. पिता बताते हैं कि बचपन से ही वे तेज, होशियार और खेल के प्रति जुनूनी थे. उनका मन हमेशा क्रिकेट में रमा रहता था. इसी जुनून को देखते हुए परिवार ने पढ़ाई से ज्यादा क्रिकेट को प्राथमिकता दी. कक्षा छह में ही प्रशांत को अमेठी कस्बे के मुंशीगंज रोड स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में अभ्यास के लिए भेजा गया.
यहां उनके पहले कोच ग़ालिब अंसारी रहे, जो आज भी उन्हें लगातार मार्गदर्शन और प्रेरणा देते हैं. उनके बाबा का भी अहम योगदान रहा. वर्ष 2015 में बाबा ने 25 हजार रुपये देकर पहली क्रिकेट किट दिलाई थी, बाद में पिता ने 6500 रुपये का बल्ला खरीदा. यहीं से उनके क्रिकेट सफर ने उड़ान भरी, हालांकि बाबा अब इस दुनिया में नहीं हैं.
मेहनत का मिला बड़ा इनाम
प्रशांत वीर ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से ली और बाद में अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई की. फिलहाल वे बीएससी की पढ़ाई कर रहे हैं. गांव और आसपास के क्रिकेट टूर्नामेंटों में वे लगातार मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीतते रहे.
परिवार को चयन की उम्मीद जरूर थी, लेकिन इतनी बड़ी बोली की किसी को कल्पना नहीं थी. 14.20 करोड़ की बोली ने सभी को चौंका दिया. आज प्रशांत वीर की सफलता पूरे अमेठी जनपद के लिए गर्व का क्षण है और यह उपलब्धि क्षेत्र के युवाओं के लिए नई प्रेरणा बनकर सामने आई है.
Source: IOCL






















