हरिद्वार में इंसानियत शर्मसार, महिला को खंभे से बांधकर पीटा, 4 आरोपी गिरफ्तार
Haridwar News: महिला पर आरोप लगाया गया था कि उसने घर में घुसकर बच्चों का गला दबाने की कोशिश की. इसी शक के आधार पर स्थानीय लोगों ने कानून को अपने हाथ में लेते हुए महिला को पकड़ लिया.

उत्तराखंड के हरिद्वार के रानीपुर कोतवाली क्षेत्र से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला को खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि महिला असहाय अवस्था में खंभे से बंधी है और कुछ लोग उसके साथ मारपीट कर रहे हैं. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है.
महिला पर आरोप लगाया गया था कि उसने घर में घुसकर बच्चों का गला दबाने की कोशिश की. इसी शक के आधार पर स्थानीय लोगों ने कानून को अपने हाथ में लेते हुए महिला को पकड़ लिया और खंभे से बांधकर उसकी पिटाई कर दी. घटना के दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव करने के बजाय मारपीट का वीडियो बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
दोनों पक्षों में हो गई मारपीट
महिला के साथ हुई इस घटना के बाद हालात और बिगड़ गए. महिला के परिजन मौके पर पहुंचे तो दूसरे पक्ष के लोगों के साथ उनकी भी जमकर मारपीट हो गई. दोनों पक्षों के बीच हुए इस विवाद से इलाके में कुछ समय के लिए तनाव का माहौल बन गया. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया.
चार आरोपी गिरफ्तार-बाकी की तलाश तेज
रानीपुर कोतवाली प्रभारी शांति कुमार गंगवार ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार लोगों को हिरासत में लिया है. उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो की भी बारीकी से जांच की जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि घटना के समय कौन-कौन लोग शामिल थे.
कोतवाल शांति कुमार गंगवार के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि महिला की मानसिक स्थिति कुछ हद तक ठीक नहीं है. इस पहलू को भी जांच में शामिल किया जा रहा है. पुलिस का कहना है कि मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है. किसी भी शक या आरोप के आधार पर कानून को हाथ में लेना और एक महिला को खंभे से बांधकर पीटना कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता. यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था पर, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है.
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Source: IOCL























