बारिश ने ग्रेटर नोएडा की पोल खोली, इंडस्ट्रियल एरिया से मुख्य सड़कों तक जलभराव से हाहाकार
Noida News: ग्रेटर नोएडा के इंडस्ट्रियल एरिया में जलभराव इतना ज़्यादा है कि फैक्ट्री तक पहुंचना मुश्किल हो गया है. सड़क पर खड़े पानी के कारण दोपहिया वाहन चालक गिरकर घायल हो रहे हैं.

हाईटेक सिटी कहलाने वाला ग्रेटर नोएडा इन दिनों बारिश के पानी में डूबा हुआ है. मंगलवार की बारिश ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विकास के दावों की पोल खोल दी। शहर के कई सेक्टरों और औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं, जिससे आम लोगों के साथ-साथ उद्योगपतियों और कर्मचारियों को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रेटर नोएडा के इंडस्ट्रियल एरिया में जलभराव इतना ज़्यादा है कि फैक्ट्री तक पहुंचना मुश्किल हो गया है. सड़क पर खड़े पानी के कारण दोपहिया वाहन चालक गिरकर घायल हो रहे हैं. कारोबारी संजीव शर्मा ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार ग्रेनों प्राधिकरण से शिकायत की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा की हर साल बारिश में यही हाल होता है, लेकिन प्राधिकरण के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती.
अधूरी कनेक्टिविटी से बढ़ी समस्या
वहीं उद्योगपति पी.के. तिवारी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि करोड़ों रुपये खर्च कर नाले तो बनाए गए, लेकिन ब्लॉकेज और अधूरी कनेक्टिविटी के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती. नाले आगे से जुड़ते ही नहीं जिससे बारिश का पानी सड़कों पर ही जमा हो जाता है.
वाहन फंसने से बढ़ता है जाम
सूरजपुर-नोएडा मुख्य मार्ग और औद्योगिक क्षेत्रों में जलभराव के कारण सड़कें गहरे गड्ढों से भर गई हैं. इन गड्ढों में वाहन फंस रहे हैं, जिससे जाम की स्थिति भी पैदा हो रही है. व्यापारियों ने गड्ढों में पेड़ लगाकर और पोस्टर लगाकर प्राधिकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने नारेबाजी करते हुए जल्द से जल्द जल निकासी की ठोस व्यवस्था करने की मांग की.
प्राधिकरण की लापरवाही साफ़ उजागर
यह स्थिति न केवल प्राधिकरण की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि करोड़ों रुपये की परियोजनाओं के बावजूद मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार नहीं हो पाया. लोगों का कहना है कि अगर बारिश कुछ दिन और जारी रही, तो ग्रेटर नोएडा में यातायात और जनजीवन पूरी तरह ठप हो जाएगा.
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Source: IOCL






















