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UP: गोरखपुर के इस ज्‍योतिषशास्‍त्री का दावा, 21 जून के सूर्यग्रहण के बाद तेजी से बढ़ेगा कोरोना, बनाया ज्‍योतिषीय सॉफ्टवेयर

यूपी के गोरखपुर के ज्‍योतिषशास्‍त्री पंडित राजेश तिवारी ने दावा किया है कि 21 जून के सूर्यग्रहण के बाद कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ेगा. उन्होंने एक ज्‍योतिषीय सॉफ्टवेयर का भी निर्माण किया है, जो बताएगा कि आप कोरोना से कितने सुरक्षित हैं.

गोरखपुर, नीरज श्रीवास्‍तव: वैश्विक महामारी कोरोना क्‍या खत्‍म हो जाएगी? क्या इसकी क्षमता कम हो जाएगी या फिर ये और मारक हो जाएगा? ये हर कोई जानना चाहता है. हमें कोरोना महामारी के बीच खुद की सुरक्षा करके चलना होगा, क्‍योंकि ज्‍योतिष शास्त्रियों का दावा है कि कोरोना वायरस 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण के बाद तेजी से बढ़ेगा. इसका तेज प्रकोप अगस्‍त के दूसरे सप्‍ताह तक रहेगा. अक्‍टूबर के बाद इसकी मारक क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाएगी. लेकिन जब तक वैक्‍सीन नहीं आ जाती, तब तक इससे हमें बचने के लिए सावधानियां बरतनी होगी. ये दावा किया है ख्‍‍यातिप्राप्‍त ज्‍योतिषशास्‍त्री पंडित राजेश तिवारी ने. उन्‍होंने एक सॉफ्टवेयर भी बनाया है, जिससे ये जाना जा सकता है कि कोई भी व्‍यक्ति कोरोना से कितना सुरक्षित है.

21 जून को सूर्यग्रहण के बाद बढ़ेगा कोरोना

पंडित राजेश तिवारी एक सवाल के जवाब में बताते हैं कि कोरोना का अभी खत्‍म नहीं होने वाला है. जब ये रोग आया, तब बृहस्‍पति और केतु की युति बताती है कि 12 से 13 साल बाद लोग कोरोना को भूल पाएंगे. हालांकि वे बताते हैं कि भारतीय परिप्रेक्ष्‍य की बात करें, तो 21 जून को सूर्यग्रहण है. इसके बाद ये रोग और तेजी से बढ़ेगा. 13 अगस्‍त के बीच के समय भारत में ये रोग बढ़ेगा. 13 अगस्‍त के बाद रुकेगा और 13 सितंबर से 13 अक्‍टूबर के बीच डाउनफाल की ओर जाएगा. वे कहते हैं कि भारत से ये जाएगा वे ये नहीं कह सकते हैं. किंचित मात्रा में ये रहेगा. हमें डरने की आवश्‍यकता नहीं पड़ेगी. बृहस्‍पति जब अपना स्‍थान परिवर्तित करेगा, इसका प्रभाव कम होगा और वायरस की वै‍क्‍सीन भी आ जाएगी.

ज्‍योतिषीय सॉफ्टवेयर बताएगा, कोरोना से कितने सुरक्षित हैं आप

कोविड-19 से आप कितने सुरक्षित हैं? ये सवाल हर किसी के मन में हर रोज कौंधता होगा. इसकी जानकारी के लिए बहुत से लोग चिकित्‍सकों के यहां चक्‍कर भी लगाते हैं. कोई इम्‍युनिटी पावर बढ़ाने वाली ऐलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होमियोपैथिक दवाओंं का भी सेवन कर रहा होगा, लेकिन अब आप इसकी जानकारी एक ज्‍योतिषीय सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से आसानी से लगा सकते हैं. ये दुनिया का पहला ऐसा ज्‍योतिषीय सॉफ्टवेयर है, जो आपको बताएगा कि आपकी इम्‍युनिटी पावर कैसी है. इसके साथ ही, आपके फेफड़े कितने स्‍वस्‍थ हैं. श्वसन क्रिया कितनी अच्‍छी है. आप कोरोना से कितने प्रतिशत सुरक्षित हैं.

ख्‍याति प्राप्‍त ज्‍योतिष ने तैयार किया है ये सॉफ्टवेयर 

आमतौर पर ये जानने के लिए आप जरूर चिकित्‍सक के पास जाते होंगे, लेकिन गोरखपुर में दुनिया का पहला ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार हुआ है, जिसके माध्‍यम से आप इन सारी बातों की जानकारी अपने मोबाइल के माध्‍यम से आसानी से हासिल कर सकते हैं. हैरत की बात ये है कि इस सॉफ्टवेयर को एक ख्‍याति प्राप्‍त ज्‍योतिष पंडित राजेश तिवारी ने तैयार किया है. जो पहले रेलवे में इंजीनियर रहे हैं. उसके बाद वीआरएस लेकर ज्‍योतिष विद्या की ओर उनका झुकाव हो गया. वे ज्‍योतिष पर कई किताबें भी लिख चुके हैं.  वे बताते हैं कि किसी भी मनुष्य के नाम और जन्म स्थान के साथ जन्म तिथि डालने के बाद उसके इम्यूनिटी पावर कोविड-19 से बचाव और अन्य जानकारी हासिल की जा सकती है. ज्‍योतिषाचार्य पंडित राजेश तिवारी बताते हैं कि उनकी वेबसाइट www.jyotishbhawan.com के पेज पर कोविड-19 कॉलम में जाने के बाद एक प्रोफार्मा आएगा. उस प्रोफार्मा में व्यक्ति का नाम, जन्म तिथि, जन्‍म का समय और जन्म का स्थान भरने के साथ ही उसका इम्यूनिटी पावर (रोग प्रतिरोधक क्षमता), प्रोगरेस्टिव ग्रो (बीमार के ठीक होने का ग्रॉफ), कोविड-19 का प्रतिशत और अन्य जानकारियां भी डिस्प्ले हो जाएंगी.

ये सारी जानकारी देगा ये सॉफ्टवेयर 

ज्‍योतिषाचार्य का दावा है कि कोरोना के शरीर में प्रवेश करने की इंद्रियों के चारों मार्गों नाक, मुंह, कान और आंख से प्रवेश की संभावनाएं कितनी कम और अधिक है. उसका प्रतिशत ये सॉफ्टवेयर बता देगा. आप कितने सेंसटिव हैं ये भी बता देगा. तीसरे चरण में फेफड़े की हेल्‍थ के बारे में बताएगा. चौथे चरण में इम्यूनिटी ब्रीथ हेल्‍थ के बारे में बताता है. वे बताते हैं कि ये दुनिया का पहला ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसके माध्यम से ज्योतिष के आधार पर कोरोना वायरस से बचने के उपाय किए जा सकते हैं. वे बताते हैं कि जीरो से 25 प्रतिशत मार्किंग हैं, तो वो मनुष्‍य सेंसटिव है. 26 से 50 वाले नार्मल और 51 से 75 प्रतिशत वालों को गुड और 76 से 100 वाले एक्सिलेंट की श्रेणी में आएंगे.

कोरोना से कितने प्रतिशत बचाव की जरूरत

ज्योतिष के आधार पर इससे यह भी जाना जा सकता है कि कोरोना से उन्हें कितने प्रतिशत बचाव की जरूरत है. एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के 5% का आधार बनाकर इसकी गणना की जाती है. वे दावा करते हैं कि इसका वैज्ञानिक आधार भी है, क्‍योंकि विज्ञान ने भी माना है कि प्रत्‍येक व्‍यक्ति ग्रह-नक्षत्र के प्रभाव में होता है. कोई भी व्‍यक्ति जन्‍म लेने के साथ ही उसका ग्रह-नक्षत्र के आधार पर जीवन की गणना की जाती है. ज्‍योतिष और ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर ये देखा जाता है कि उसके स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य जीवन चक्र के बारे में जाना जाता है. ये कोरोना की चपेट में आने के प्रति आपको आगाह करता है.

कफ, पित्‍त और बात के बीच संतुलन

वे कहते हैं कि कफ, पित्‍त और बात में संतुलन ही आपको किसी भी बीमारी से बचाता है. सप्‍तग्रह को आधार बनाकर इसकी गणना की जाती है. ये संदेश देता है कि आपका इम्यूनिटी पावर कम है, तो आपको कोरोना हो सकता है. पूरा आयुर्वेद इस बात पर निर्भर करता है कि कफ, पित्‍त और बात के बीच संतुलन है की नहीं. इसमें दो बातें समझना होगा कि आपका ग्रह और गोचर का प्रभाव.

ज्योतिष और ग्रह नक्षत्रों के मनुष्य पर पड़ने वाले प्रभाव 

ज्योतिष और ग्रह नक्षत्रों के मनुष्य पर पड़ने वाले प्रभाव को वैज्ञानिक रूप से भी पूरे दुनिया में स्वीकार किया जा चुका है. यही वजह है कि दावा किया जा रहा है कि अगर मेडिकली इस सॉफ्टवेयर की जांच कराई जाए, तो ज्‍योतिष के आधार पर दी गई जानकारियां और डॉक्टर के निर्देश पर पैथोलॉजी की जांच का प्रतिशत भी बराबर ही मिलेगा. वे बताते हैं कि देश और दुनिया में हजारों लोग अब तक उनकी इस वेबसाइट पर दिए गए साफ्टवेयर का सहारा लेकर अपने स्‍वास्‍थ्य के बारे में जान रहे हैं.

वैज्ञानिक युग में जहां किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कोरोना जैसा खतरनाक वायरस मनुष्य की जान का दुश्मन बन जाएगा. ऐसे में कोरोना से हमें खुद की और अपनों की सुरक्षा करने के लिए सावधानी बरतनी होगी. ये भी तय करना होगा कि अपने साथ हम अपनों को भी इस महामारी से बचा पाएं. वहीं इससे बचने के लिए ज्योतिष विधि द्वारा तैयार किया गया यह सॉफ्टवेयर भी कोरोना से बचाव में कारगगर साबित होगा, आधुनिक सोच वाले लोगों के लिए ये किसी आश्चर्य से कम नहीं होगा.

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