क्या है डासना शिव शक्ति मंदिर धाम का इतिहास? जिसके महंत हैं यति नरसिंहानंद
Dasna Shiv Shakti Dham Mandir: यति नरसिंहानंद अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. वह गाजियाबाद के एक मंदिर के महंत हैं. आइये जानते हैं इसी डासना शिव शक्ति धाम मंदिर का इतिहास.
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के डासना शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत यति नरसिंहान इन दिनों अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में है. उनके इस बयान के बाद डासना शिव शक्ति धाम मंदिर को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. लोग इस मंदिर के इतिहास को जानने को लेकर उत्सुक हैं.
विवादित यति नरसिंहानंद जिस डासना मंदिर के महंत हैं, वह महाभारतकाल का है. मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांचों पांडवों ने इसी मंदिर में शरण ली थी. कथित दावों के मुताबिक, मुगलकाल में इस मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. उस समय के महंत ने मुगलों से छिपाकर मंदिर में लगी देवी मूर्ति को तालाब में छिपा दिया था.
लखौरी ईंटों से बना है मंदिर
कहा जाता है कि करीब दो सौ साल बाद मंदिर के तत्कालीन महंत जगत गिरि महाराज के सपने में देवी ने दर्शन दिए और मूर्ति के तालाब में होने की बात कही. उन्होंने तालाब में खुदाई कराकर मूर्ति को निकलवाया और फिर से मंदिर की स्थापना की. मंदिर के निर्माण में लखौरी ईंटों का उपयोग किया गया है.
लखौरी ईंटों को देखकर लगता है कि शायद मुगलकाल में इस मंदिर का निर्माण हुआ है. मंदिर में स्थापित देवी काली स्वरूप की मूर्ति में जीभ बाहर नहीं निकाली हुई है. वह कमल के फूल पर खड़ी हैं. मूर्ति कसौटी के पत्थर की बनी है. इस धातु की कीमत करोड़ों में है.
कीमती धातु से बनी है मूर्ति
ऐसा दावा किया जाता रहा है कि देवी के इस स्वरूप और धातु की इतनी प्राचीन मूर्ति विश्व में केवल चार जगह है. इनमें शिव शक्ति धाम डासना, हिग्लाज (जो की अब पाकिस्तान में है), कोलकाता और गुवाहाटी के पास कामाख्या मंदिर में है.
शिव शक्ति धाम में ही स्थापित शिवलिंग के ऊपर कितनी बार लेंटर डालकर छत बनाई गई है, लेकिन आज तक उसके ऊपर छत टिकती नहीं है. इस लेंटर में रात को या अगले दिन ही दरारें पड़ जाती हैं. मान्यता है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग और देवी के काली स्वरूप के दर्शन करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है.
कौन है यति नरसिंहानंद?
अब संक्षेत्र में जानते हैं मंदिर के वर्तमान महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के बारें में. यति नरसिंहानंद सरस्वती अक्सर अपने बयानों के कारण विवादों में रहते है. नरसिंहानंद पहले भी कई बार ऐसे भड़काऊ बयान दे चुके हैं, जिसके चलते उनपर कई मुकदमे भी दर्ज है.
यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के शिव शक्ति धाम डासना मंदिर के महंत हैं. यति को अखिल भारतीय संत परिषद का राष्ट्रीय संयोजक भी बताया जाता है. इसके अलावा उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने रूस में पढ़ाई की है.साथ ही मॉस्को और लंदन समेत कई जगहों पर काम भी किया है. वह 'हिन्दू स्वाभिमान' नामक संस्था भी चलाते हैं.
हिन्दू युवाओं और बच्चों को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण का दावा करते हुए 'धर्म सेना' का गठन किया. यति नरसिंहानंद सरस्वती लगातार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. दो साल पहले वह चर्चा में तब आए, जब डासना के मंदिर में कथित तौर पर एक बच्चे को पानी पीने के लिए बुरी तरह पिटाई की गई थी.
बच्चे की पिटाई का किया बचाव
नाबालिग बच्चे की पिटाई के एक दिन बाद पुजारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा था कि नाबालिग लड़का मंदिर खराब करने की कोशिश कर रहा था. यति नरसिंहानंद का कहना था मंदिर में पहले से लगातार चोरियां हो रही हैं और यह वही बच्चे हैं जो मंदिर में आकर चोरियां करते हैं, जिसके चलते उनकी पिटाई की गई है.
यति नरसिंहानंद ने दावा किया था कि पानी पीने के बहाने यह मंदिर में घुसे थे, लेकिन मंदिर के बाहर सड़क पर सरकारी नल लगा है और मंदिर के गेट पर भी पानी की व्यवस्था है. इसके बावजूद यह मंदिर के अंदर चोरी करने के इरादे से आए थे और पकड़े जाने पर पानी पीने का बहाना बना रहे थे.
समुदाव विशेष की एंट्री पर बैन
इस घटना के बाद यति नरसिंहानंद ने डासना देवी शिव धाम मंदिर के गेट पर बड़े-बड़े अक्षरों मे लिखवा दिया था कि यहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है जो काफी चर्चा में भी रहा था. यति नरसिंहानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री पद को लेकर भी विवादित बयान दिया था.
समुदाय विशेष पर साधा निशाना
उन्होंने दावा किया कि "अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बना तो 20 साल में 50 फीसदी हिंदुओं का धर्मांतरण कर दिया जाएगा." दिल्ली प्रशासन की अनुमति के बिना आयोजित हिंदू महापंचायत को संबोधित करते हुए नरसिंहानंद ने कथित तौर पर हिंदुओं को अपना अस्तित्व बचाने के लिए हथियार उठाने की भी नसीहत दी.
यति नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए, जब दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नरसिंहानंद सरस्वती ने कथित तौर पर इस्लाम और पैंगबर मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उनके इस बयान के बाद विवाद पूरे देश में विरोध शुरू हो गया. पूरे देश में उन पर कई मुकदमें भी दर्ज हो चुके हैं.
सीतापुर में दिया भड़काऊ भाषण
इसी क्रम में अक्टूबर 2019 में उत्तर प्रदेश के सीतापुर में भड़काऊ भाषण देने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती पर केस दर्ज किया गया था. नरसिंहानंद ने हिंदू समाज पार्टी के कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उसके परिवार वालों की मौजूदगी में 21 अक्टूबर 2019 को भड़काऊ भाषण दिया था.
इस दौरान समुदाय विषय को निशाना बनाते हुए नरसिंहानंद ने देश को इस्लाम मुक्त, मुसलमान मुक्त बनाने की बात कही थी. जिसके बाद पूरे देश में इस विवादित बयान को लेकर आक्रोश देखने को मिला था. इस विवादित बयान के बाद यति नरसिंहानंद पर सीतापुर जिले में भी मुकदमा दर्ज किया गया था.
हाल ही में यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर विवादित बयान देकर सुर्खियों में है. एक कार्यक्रम के दौरान यति नरसिंहानंद ने स्टेज से पैगंबर मोहम्मद साहब और पवित्र कुरान को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की. सोशल मीडिया इस आपत्तिजनक बयान की वीडियो वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
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