गौतम बुद्ध नगर में एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, रणदीप भाटी गैंग के दो शूटर गिरफ्तार
UP News: यूपी एसटीएफ ने रणदीप भाटी गैंग के सक्रिय सदस्य सोनू मोमनाथन (30) और उसके साथी विरेंद्र पोसवाल (42) को गिरफ्तार किया. दोनों पर खाली प्लॉट पर कब्जा दुकानों पर कब्जा करने से कई गंभीर आरोप है.

Gautam Buddha Nagar News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कुख्यात रणदीप भाटी गैंग पर एक और करारा प्रहार किया है. एसटीएफ की गौतमबुद्धनगर यूनिट ने मंगलवार देर रात गैंग के सक्रिय सदस्य सोनू मोमनाथन (30) और उसके साथी विरेंद्र पोसवाल (42) को गिरफ्तार किया. दोनों पर खाली प्लॉट और दुकानों पर जबरन कब्जा कर करोड़ों की वसूली, अवैध खनन और गैंगवार में साथ देने के गंभीर आरोप हैं.
दरअसल, एसटीएफ को शिकायत मिली थी कि गैंग के लोग लोगों को धमकाकर जमीन और दुकानें हड़प रहे हैं. अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा के निर्देशन में इंस्पेक्टर सचिन कुमार की टीम ने जांच शुरू की. गुप्त सूचना और साक्ष्यों से आरोप पुख्ता पाने के बाद 17जून की रात करीब 11:15 बजे दोनों आरोपियों को एसटीएफ कार्यालय (नोएडा) के पास दबोच लिया गया.
कौन है सोनू मोमनाथन?
थाना नॉलेज पार्क का हिस्ट्रीशीटर (HS‑07B) है, उसका भाई भूपेन्द्र मोमनाथन भी कई आपराधिक केसों में वांछित है और रणदीप भाटी का सगा साले भाई है. साल 2019 में दादरी निवासी धर्मेंद्र उर्फ धर्मी के अपहरण-हत्या केस में जेल जा चुका है. गैंगस्टर एक्ट, हत्या और रंगदारी जैसे मामलों में कई बार गिरफ्तार हो चुका है.
विरेन्द्र पोसवाल का किरदार
बुलंदशहर के नरसैना थाने के कपसई गांव का निवासी है. यह पहले रेत खनन का ठेका चलाता था, फिर मोमनाथन परिवार से जुड़कर अवैध खनन और जमीन कब्जे में शामिल हो गया. उसकी दो बेटियों की शादी रणदीप भाटी के भतीजों से हुई, जिससे वह सीधे गैंग नेटवर्क का हिस्सा बन गया.
पूछताछ में क्या निकला?
पूछताछ में सोनू ने माना कि वह और उसका भाई भूपेन्द्र खाली दुकानों का ताला तोड़कर कब्जा करते और छोड़ने के बदले 10 लाख रुपये तक की वसूली करते थे. साल 2023 में हरियाणा के झज्जर में एनसीआर के कुख्यात हिमांशु उर्फ‘भाउ’ गैंग के शूटआउट के बाद घायल शूटर राहुल उर्फ हुली बेरी को सोनू ने अपने फार्महाउस में छिपाया था. गैंग द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों को भी अवैध रूप से किराये पर देकर मोटी कमाई की जा रही थी.
रणदीप भाटी गैंग का बैकग्राउंड
पश्चिमी यूपी और हरियाणा के बॉर्डर इलाकों में सक्रिय यह गैंग रंगदारी, सुपारी किलिंग, रियल एस्टेट में कब्जा और अवैध खनन के लिए जाना जाता है. गैंग लीडर रणदीप भाटी फरवरी 2024 में दिल्ली-गुरुग्राम सीमा से पकड़ा गया था, पर गिरोह के बाकी सदस्य अब भी अलग-अलग जिलों में सक्रिय थे. नोएडा-ग्रेटर नोएडा की तेज रियलटी ग्रोथ का फायदा उठाकर गैंग करोड़ों की जमीन धोखाधड़ी कर चुका है.
आगे की कार्रवाई
दोनों गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना नॉलेज पार्क में गैंगस्टर एक्ट, रंगदारी, जबरन कब्जा और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. एसटीएफ का कहना है कि गिरोह से जुड़े बाकी सदस्यों और अवैध संपत्तियों की सूची तैयार कर कुर्की की जाएगी. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच और फायरिंग की पुरानी घटनाओं में भी उनकी भूमिका खंगाली जा रही है.
दो साल में 110 से ज्यादा बदमाश भेजे गए जेल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश पुलिस ने भू‑माफ़िया और रंगदारी गैंगों के खिलाफ सख्त अभियान चला रखा है. पिछले दो साल में नोएडा‑ग्रेटर नोएडा ज़ोन में 110 से ज्यादा बदमाश गैंगस्टर एक्ट में जेल भेजे जा चुके हैं और 250 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त हुई है. ताज़ा गिरफ्तारी से माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी के रियल एस्टेट सेक्टर में अपराधियों का दबदबा कम होगा और आम निवेशकों में भरोसा बढ़ेगा.
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Source: IOCL
























