30 करोड़ की संपत्ति ने रिश्तों में डाली दरार, बेटों ने मां को बताया नौकरानी, इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा मामला
UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संदीप जैन की अदालत ने साफ कहा कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा करने का अधिकार सिर्फ पारिवारिक न्यायालय के पास है.

गौतम बुद्ध नगर का 30 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर वारिसाना हक का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) तक पहुंच गया है. इस केस में एक महिला ने दावा किया है कि वह मृतक की दूसरी पत्नी हैं और मृतक के बेटे की सौतेली मां भी है. वहीं, बेटे ने इस दावे को पूरी तरह नकारते हुए महिला को परिवार का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया और यहां तक कह दिया कि महिला उनके घर की नौकरानी थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संदीप जैन की अदालत ने साफ कहा कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा करने का अधिकार सिर्फ पारिवारिक न्यायालय के पास है. हाईकोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ महिला की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार किया और पूरे मामले को गौतमबुद्ध नगर स्थित पारिवारिक न्यायालय को भेजने का आदेश दिया.
बेटों ने महिला के दावे को किया खारिज, बताया नौकरानी
दरअसल, मामले की जड़ 2011 से जुड़ी है. महिला का कहना है कि मृतक रमेश शर्मा (बदला हुआ नाम) की पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार रमेश से विवाह किया था. तीन साल बाद 2014 में रमेश शर्मा का निधन हो गया. इसके बाद जब करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्ति के बंटवारे का सवाल उठा तो बेटे ने महिला के विवाह के दावे को खारिज करते हुए उन्हें नौकरानी बताया है.
इस मामले में अब आगे क्या होगा?
हाईकोर्ट कोर्ट के आदेश के बाद अब यह मामला गौतम बुद्ध नगर के पारिवारिक न्यायालय में सुना जाएगा. वहां तय होगा कि महिला का दावा सही है या नहीं और क्या उन्हें मृतक की विधिक पत्नी व संपत्ति पर अधिकार माना जाए. फिलहाल, रिश्तों और दावों की इस जंग ने पूरे मामले को हाई प्रोफाइल बना दिया है.
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