उत्तराखंड: क्रिसमस–न्यू ईयर को लेकर बढ़ाई जंगलों की सुरक्षा, जानें क्या है वजह?
Dehradun News: उत्तराखंड वन विभाग ने क्रिसमस और नए साल के दौरान शिकारियों और वन माफियाओं की गतिविधियों की आशंका को ध्यान में रखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है.ताकि वन्यजीवों को कोई नुकसान न हो.

क्रिसमस और नए साल के जश्न की तैयारियों के बीच उत्तराखंड वन विभाग पूरी तरह हाई अलर्ट मोड में है. जहां एक ओर पर्यटक स्थलों पर होटल, रिसॉर्ट और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग सजावट और आयोजनों में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य का वन विभाग वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है. साल के अंतिम सप्ताह में संभावित खतरों को देखते हुए पूरे प्रदेश में रिजर्व फॉरेस्ट और प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
उत्तराखंड वन विभाग ने क्रिसमस और नए साल के दौरान शिकारियों और वन माफियाओं की गतिविधियों की आशंका को ध्यान में रखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार, छुट्टियों के इस दौर में जंगलों में गश्त कमजोर पड़ने की संभावना रहती है, जिसका फायदा उठाकर शिकारी वन्यजीवों का शिकार कर सकते हैं और कीमती पेड़ों की अवैध कटान की कोशिशें भी बढ़ जाती हैं. इन्हीं खतरों को रोकने के लिए वन विभाग ने इस बार पहले से ही सख्त रणनीति तैयार की है.
सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को हाई अलर्ट
वन विभाग ने सभी फॉरेस्ट रेंजर, वनकर्मी और फॉरेस्ट गार्ड सहित फील्ड में तैनात अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है. साल के अंतिम हफ्ते में संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है. कई क्षेत्रों में दिन और रात दोनों समय पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है और ड्रोन के जरिए जंगलों की निगरानी की योजना बनाई गई है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.
संरक्षित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता
उत्तराखंड में वन्यजीवों और वन संपदा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र मौजूद हैं. राज्य में 6 नेशनल पार्क, 7 वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी, 4 कंजर्वेशन रिजर्व और 1 बायोस्फीयर रिजर्व हैं. इन सभी क्षेत्रों में जैव विविधता प्रचुर मात्रा में है और इनकी सुरक्षा वन विभाग की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. यही वजह है कि क्रिसमस और नए साल के दौरान इन सभी संरक्षित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है.
कर्मियों को आपात स्थिति में ही मिलेगी छुट्टी
उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (PCCF) रंजन कुमार मिश्रा ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि सभी फील्ड कर्मियों और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे साल के अंतिम दिनों में पूरी तरह अलर्ट रहें. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी नेशनल पार्क, वाइल्डलाइफ सेंचुरी, कंजर्वेशन रिजर्व और बायोस्फीयर रिजर्व की सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट रखा गया है. PCCF रंजन कुमार मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि फील्ड कर्मियों को केवल मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में ही छुट्टी दी जाएगी, अन्य किसी कारण से अवकाश नहीं दिया जाएगा.
उत्तराखंड में दो बड़े और महत्वपूर्ण टाइगर रिजर्व हैं- राजाजी नेशनल पार्क और कॉर्बेट नेशनल पार्क. खासतौर पर 25 दिसंबर (क्रिसमस) और 31 दिसंबर (न्यू ईयर) के दौरान इन पार्कों में वन्यजीवों के लिए खतरा बढ़ जाता है. छुट्टियों के चलते अगर निगरानी में जरा सी भी ढिलाई हुई तो शिकारी इसका फायदा उठा सकते हैं. यही कारण है कि इस बार वन विभाग ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.
दुनिया भर में मशहूर है कार्बेट पार्क
कॉर्बेट नेशनल पार्क देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपने बाघों के लिए जाना जाता है. ऐसे में यहां किसी भी तरह की अनहोनी होना न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय बन सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने “फूलप्रूफ प्लान” तैयार किया है, ताकि वन्यजीवों और वन संपदा को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचे.
जब लोग क्रिसमस और नए साल का जश्न मना रहे होंगे, उस वक्त उत्तराखंड वन विभाग के वनकर्मी और अधिकारी जंगलों में डटे रहकर वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा में जुटे रहेंगे. यही वजह है कि पर्व और उत्सव के इस मौसम में उत्तराखंड वन विभाग पूरी तरह हाई अलर्ट पर है.
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