'UCC के लिए उत्तराखंड को बनाना चाहिए टेस्टिंग ग्राउंड', बीजेपी नेता के बयान पर मचा सियासी घमासान
Uttarakhand UCC News: सीएम धामी ने उत्तराखंड में जल्द यूसीसी लागू करने का इशारा दिया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासी तपिश बढ़ गई है. कांग्रेस ने यूसीसी को बीजेपी का एक सियासी स्टंट बताया है.

Uttarakhand News Today: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर सियासी पारा हाई हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और टिहरी से विधायक किशोर उपाध्याय के बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है.
बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड को यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए "टेस्टिंग ग्राउंड" के रूप में लिया जाना चाहिए.
बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय ने अपने बयान में कहा कि UCC लागू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य समाज में समानता लाना है, लेकिन इसका विरोध करने वाले लोग इसे गलत दिशा में ले जा रहे हैं. उनका इशारा सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय की ओर था. जिसे लेकर उन्होंने कहा कि इस कानून के विरोध में खड़े लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.
'UCC का मुद्दा सियासी स्टंट'
किशोर उपाध्याय का यह बयान राज्य में सियासी विवाद का कारण बन गया है. कांग्रेस ने उनके इस बयान को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बीजेपी उत्तराखंड को "प्रयोगशाला" के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी प्रदेश में हर मुद्दे को राजनीतिक लाभ के लिए प्रयोग कर रही है.
करन माहरा ने कहा, "हम पहले से कहते आ रहे हैं कि बीजेपी का एजेंडा केवल समाज को बांटना है. UCC का मुद्दा भी एक राजनीतिक स्टंट है, जिसका उद्देश्य समाज के एक बड़े वर्ग को निशाना बनाना है." उन्होंने कहा, "बीजेपी को यह समझना चाहिए कि उत्तराखंड कोई प्रयोगशाला नहीं है, जहां हर मुद्दे का परीक्षण किया जाए."
बीजेपी ने बताया चुनावी वादा
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर उत्तराखंड सरकार पहले ही राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे बीजेपी का चुनावी वादा बताते हुए राज्य में इसे लागू करने का प्रस्ताव रखा था. इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया गया है. हालांकि, इस कानून को लेकर समाज के अलग-अलग वर्गों में मतभेद हैं.
किशोर उपाध्याय के बयान ने इस विवाद को और बढ़ा दिया है. सामाजिक कार्यकर्ता और कानून विशेषज्ञों का कहना है कि किसी राज्य को "टेस्टिंग ग्राउंड" कहना लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ है. वहीं मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने किशोर उपाध्याय के बयान की आलोचना करते हुए इसे विभाजनकारी राजनीति करार दिया है.
'सभी वर्गें में समानता लाना उद्देश्य'
बीजेपी ने किशोर उपाध्याय के बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनका इरादा गलत नहीं था. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता का कहना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड समाज के हर वर्ग के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित करेगा.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "किशोर उपाध्याय ने सिर्फ यह कहा है कि उत्तराखंड जैसा शांतिप्रिय राज्य इस कानून को लागू करने के लिए सही स्थान है. यह कानून सभी के लिए समान होगा, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों."
उत्तराखंड में UCC को लेकर शुरू हुई बहस आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकती है. बीजेपी इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर प्रस्तुत कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे सरकार की विफलता और जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ बता रही है. किशोर उपाध्याय का बयान इस बहस को और तेज कर चुका है.
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Source: IOCL























