अयोध्या में संत रविदास सत्संग भवन का CM योगी करेंगे उद्घाटन, 400 लोगों के बैठने की है क्षमता
Ayodhya News: सीएम योगी दोपहर लगभग दो बजे रामकथा पार्क हेलीपैड पर उतरेंगे. इसके बाद वे हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन करेंगे और फिर श्री राम जन्मभूमि मंदिर जाकर रामलला के दर्शन करेंगे.

UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचेंगे. इस दौरे में वे हनुमानकुंड क्षेत्र में नवनिर्मित संत रविदास सत्संग भवन का उद्घाटन करेंगे, जो 1 करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है. यह भवन पर्यटन विभाग के सहयोग से उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं विकास निगम (यूपीपीसीएल) द्वारा बनवाया गया है.
मुख्यमंत्री दोपहर लगभग दो बजे रामकथा पार्क हेलीपैड पर उतरेंगे. इसके बाद वे हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन करेंगे और फिर श्री राम जन्मभूमि मंदिर जाकर रामलला के दर्शन करेंगे. इसके बाद वे संत रविदास मंदिर पहुंचकर गुरु रविदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों पर माल्यार्पण करेंगे और सत्संग भवन का लोकार्पण करेंगे. समारोह के बाद वे श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे और प्रसाद वितरण भी होगा.
यह नया सत्संग भवन 400 लोगों के बैठने की क्षमता वाला है. इसमें सत्संग, धार्मिक आयोजनों, सामाजिक सभाओं और आध्यात्मिक चर्चा के लिए सभी आवश्यक आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. यह भवन गुरु रविदास जी के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा, जहां वे उनकी शिक्षाओं को समझने और आत्मिक साधना के लिए एकत्र हो सकेंगे. मंदिर के महंत बनवारी पति उर्फ ब्रह्मचारी ने बताया कि “यह भवन गुरु जी के भक्तों के लिए एक बड़ी सौगात है, जो सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक बनेगा.”
गौरतलब है कि संत रविदास 15वीं सदी के महान संत, समाज सुधारक और कवि थे, जिन्होंने जातिवाद, छुआछूत और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने लोगों को आत्मिक ज्ञान, समानता और भक्ति का मार्ग दिखाया. उनके अनुयायी आज न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में हैं. उनकी रचनाएं गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं, जिससे उनकी शिक्षाओं की व्यापकता का पता चलता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में तेजी से विकसित किया जा रहा है. राम मंदिर, धर्मपथ, भव्य घाट, रिलिगियस टूरिज्म सर्किट जैसी योजनाओं के साथ अब संत रविदास जैसे संतों की विरासत को संरक्षित करने की दिशा में भी कार्य हो रहा है. यह सत्संग भवन सामाजिक समरसता और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बढ़ावा देने का माध्यम बनेगा, जिससे अयोध्या की छवि और भी मजबूत होगी.
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