'कश्मीर में धारा 370 कांग्रेस ने जबरन लागू किया', CM योगी ने किया दो प्रधान-दो विधान का जिक्र
UP News: सीएम योगी ने कहा कि हमें महर्षि वाल्मीकि की विरासत पर गौरव की अनुभूति है, हमें प्रभु राम की विरासत पर गौरव की अनुभूति है. हमें लीलाधारी श्री कृष्ण की परंपरा पर गौरव की अनुभूति है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज मंगलवार (9 सितंबर) को बस्ती में सरस्वती विद्या मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास हेतु आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान सीएम योगी ने एक ऐसा बयान दिया जिसकी चर्चा चारों तरफ है. सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों के सामने 25 वर्ष की एक रूपरेखा 2022 में तय की थी. उन्होंने कहा था भारत को विकसित भारत बनाना है, लेकिन विकसित भारत कब बनेगा? उन्होंने कहा था विकसित भारत तब बनेगा जब भारत इन पंच प्राणों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएगा. कौन से पंच प्रण उन्होंने कहा कि हमें अपनी विरासत का सम्मान करना होगा. देखिए विरासत का सम्मान क्या? हमें अपने पूर्वजों और अपनी परंपराओं पर गौरव की अनुभूति करनी होगी. उन्हें मजबूत करना होगा. उन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा और उसी की कड़ी थी जब आपने देखा होगा.
सीएम योगी ने कहा कि पूर्वजों ने एक संकल्प लिया था, एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे का उद्घोष 1953 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी और कश्मीर में शेष भारत का कानून लागू हो. इसके लिए उन्होंने जब शंखनाथ किया था इसके लिए उन्होंने अपना उन्हें बलिदान देना पड़ा था. 1953 से लेकर के 2019 तक यह व्यवस्था कश्मीर के लिए चलती गई. कश्मीर में धारा 370, 1952 में कांग्रेस ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के न चाहने के बावजूद जबरन लागू किया लेकिन डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के इस संकल्प को साकार किया. एक देश में दो प्रधान, दो निशान, दो विधान नहीं चलेंगे. यह साकार किया प्रधानमंत्री मोदी ने जब कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करके कश्मीर से आतंकवाद और किसी भी प्रकार के भारत विरोधी गतिविधियों की सभी प्रकार के कार्य और सभी प्रकार की उनकी गतिविधियों और साजिशों को एक झटके में समाप्त करके कश्मीर को भारत के कानून के साथ जोड़ने का काम किया.
धर्म के जो गुण हैं वे राम में साक्षात हैं- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि विरासत का सम्मान क्या यही है जो आपने देखा होगा 500 वर्षों का इंतजार जब समाप्त होता है. अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर का निर्माण होता है, विपक्षी दलों को लगता था कि ये नहीं हो सकता ये नहीं होना चाहिए लेकिन संकल्प था राम भक्तों का और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम भारत के आदर्श हैं. भारतीयता के प्रतीक हैं, जब महर्षि वाल्मीकि ने नारद जी से पूछा कि मुझे कुछ लिखना है ऐसा कौन सा आदर्श होगा? जिसके बारे में मैं लिख सकूं. तो उस समय महर्षि वाल्मीकि को नारद जी ने यही कहा कि भाई यह देश के अंदर वर्तमान में दुनिया के अंदर इस धरती में एक ही चरित्र है जिस पर लिखा जा सकता है और वो चरित्र राम का है. श्री राम पर लिखो और उन्होंने उस समय क्या लिखा? कहां से शुरुआत की? उन्होंने एक शुरुआत की रामो विग्रहवान धर्म यानी राम स्वयं में धर्म है. धर्म के जो गुण हैं वे राम में साक्षात हैं और वहीं पर रामायण जैसा दुनिया का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य महर्षि वाल्मीकि ने हमें दिया.
हमें प्रभु राम की विरासत पर गौरव की अनुभूति है- सीएम योगी
उन्होंने कहा कि हमें महर्षि वाल्मीकि की विरासत पर गौरव की अनुभूति है, हमें प्रभु राम की विरासत पर गौरव की अनुभूति है. हमें लीलाधारी श्री कृष्ण की परंपरा पर गौरव की अनुभूति है. हमने भारत के उन महापुरुषों के लिए जिन्होंने भारत के लिए योगदान दिया. भारतीयता के लिए अपना बलिदान दिया, देश की आजादी के लिए और स्वतंत्र भारत में भारत की सीमाओं की रक्षा करते हुए जिन्होंने अपने आप को बलिदान कर दिया. वे सभी हमारे लिए आदर्श हैं, उन सबका सम्मान करना और उनकी विरासत का संरक्षण करना यह हर भारतीय का दायित्व है.
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Source: IOCL






















