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गोरखपुर: वैश्विक महामारी में सादगी के साथ निकली शोभायात्रा, महंत योगी आदित्‍यनाथ ने किया भगवान श्रीराम का राजतिलक

गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानसरोवर मंदिर में विधि विधान से पूजा की. इसकी बाद उन्होंने भगवान श्रीराम और सीता माता का तिलक किया.

गोरखपुर. वैश्विक महामारी के बीच भी विजयादशमी पर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा सादगी के साथ निकली. हालांकि नाथ सम्‍प्रदाय और गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार निकलने वाले रथ पर सवार होकर गोरक्षपीठ के महंत मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ नहीं निकले. वैश्विक महामारी के कारण वे फ्लीट के साथ कार से ही मानसरोवर मंदिर प‍हुंचे और यहां पर भगवान शिव के साथ श्रीराम-माता सीता की पूजा-अर्चना करने के बाद मानसरोवर रामलीला मैदान पहंचे और यहां पर भगवान श्रीराम का राजतिलक किया.

नहीं निकला जुलूस

बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरा का पर्व देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. दशहरा पर्व पर गोरक्षपीठ से भी विजय जुलूस निकालने की पुरानी परंपरा सदियों से चली आ रही है. वैश्‍विक महामारी की वजह से इस बार गोरक्षपीठाधीश्‍वर महंत योगी आदित्‍यनाथ फ्लीट से मानसरोवर मंदिर और रामलीला मैदान पहुंचे. यहां पर पारम्‍परिक रूप से बरसों से निकलने वाले रथ पर वैश्विक महामारी की वजह से ब्रेक लग गया और सादगी के साथ कार में सवार होकर पीठाधीश्‍वर के रूप में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ रामलीला मैदान पहुंचे.

भगवान राम का राजतिलक

गोरक्षपीठाधीश्‍वर महंत योगी आदित्‍यनाथ ने मानसरोवर मंदिर पर विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की. उसके बाद वे श्री श्री रामलीला मैदान पहुंचे और यहां पर उन्‍होंने भगवान श्रीराम का राजतिलक किया. नाथ संप्रदाय में इसका विशेष महत्व है. इसलिए गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री होने के बावजूद इस परंपरा का निर्वहन करने के लिए गोरक्षपीठ पर उपस्थित रहते हैं. वे पूरी निष्ठा के साथ इस परंपरा का निर्वहन भी करते हैं.

विधि विधान के साथ नवरात्रि की पूजा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ नवरात्रि पर पूरे विधि विधान के साथ 9 दिन का व्रत करते हैं. विजयादशमी के दिन सुबह से ही विशेष अनुष्ठान और पूजा-अर्चना का भव्य कार्यक्रम मंदिर में चलता रहता है. उसके बाद साधु संत और श्रद्धालु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का राजतिलक करते हैं. सायंकाल 4 बजे मुख्य मंदिर से भव्य विजय शोभायात्रा पुराना गोरखपुर स्थित श्री मानसरोवर मंदिर के लिए प्रस्थान की. पारंपरिक वेशभूषा में इस बार सादगी के साथ योगी आदित्‍यनाथ कार से मानसरोवर मंदिर और रामलीला मैदान पहुंचे. एक राजा की भूमिका में आज योगी आदित्यनाथ को देखने काफी लोग अपने घरों बाहर सड़कों पर दिखाई दिए.

श्रीश्री रामलीला समिति आर्यनगर की ओर से रामलीला मैदान मानसरोवर में चल रही रामलीला में पहुंचे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता का राजतिलक किया. उन्‍होंने कहा कि आज विजयादशमी है. पूरे देश और दुनिया के अंदर सनातन धर्मावलंबी इस पर्व को बड़े हर्षोल्लास के साथ आज मना रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि इस अवसर पर वे सबको विजयदशमी का हम सबके जीवन में इसी प्रकार की हर्षोल्लास का माहौल निरंतर बनाए रखें. लेकिन वैश्विक महामारी के समय में हमें मर्यादा का भी ख्‍याल रखना है. कोविड के जो नियम हैं, वहीं इस समय हमारे लिए मर्यादा है.

गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुरूप वैश्विक महामारी में भी इस परंपरा का निर्वहन हुआ है. समिति को धन्यवाद देता हूं. हजारों वर्ष पहले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्श आज भी हम सभी को प्रेरणा प्रदान करते हैं. हम अपने पर्व और त्योहार को ऐसे समय में मना रहे हैं, जब पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है. आर्थिक, सामाजिक और हर पक्ष में हानि हुई है. पर्व और त्योहार पर भी इसका असर पड़ा है. जनहानि भी हुई है. एक तरफ महामारी की चेन को भी रोकना था. पर्व और त्योहार को भी मनाना है. भगवान श्रीराम को हम मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं. वे विष्णु के अवतार हैं.

पीएम की तारीफ

वे हर व्यक्ति के लिए मर्यादा की एक लक्ष्मणरेखा तय कर देते हैं. कोरोना की जिस लड़ाई को मोदी जी के नेतृत्व में भारत लड़ रहा है, इसका लोहा दुनिया ने माना है. हम वास्तविक रूप से जनहानि को कैसे रोक सके. ये आज से 7 माह पहले 25 मार्च को लाकडाउन हुआ था. 2 महीने से भी अधिक समय तक लाकडाउन चला. गरीबों और जरूरतमंदों को कोई परेशानी न होने पाए. इसके लिए सरकार तत्पर रही. 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया. सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ मिला. जिस अमेरिका की स्वास्थ्य सेवाओं के आगे हमारी क्या स्थिति होती. लेकिन, पीएम मोदी जी ने जिस तत्परता के साथ निर्णय लिए, इसकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है.

लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अनलॉक के 5वें चरण में है. आज संक्रमण जनता जनार्दन की कृपा से समाप्त होता हुआ दिखाई दे रहा है. मनुष्य ने ठान लिया तो कोई परिस्थिति उसे कमजोर नहीं कर सकती है. हमें इसके लिए मर्यादा का ख्याल रखना होगा. दो गज की दूरी और मास्क जरूरी का पालन करना होगा. परम्परागत जुलूस जो हर बार जुलूस निकलता था, उसे मर्यादा के साथ निकाला जा रहा है. 100 वर्ष से भी प्राचीन रामलीला के कार्यक्रम को अनवरत बनाए रखें. इसीलिए समय से यहां पर आ गए. हर बार अंधेरा हो जाता था. जान और जहान भी हमें बचाना है. मानवता को बचाने के साथ गोरखपुर का मानसरोवर में भव्य मंदिर में दिव्य दर्शन हुआ है. इसके पहले टूटे फूटे मंदिर में जाते थे. रामलीला मैदान का भी पुनरोद्धार का काम आर्यनगर रामलीला समिति के सहयोग से भव्य मंच और दीवार बन गई. मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की रामलीला का मंच पर्यटन विभाग का भी भरपूर सहयोग मिला.

अब यहां कोई कब्जा नहीं कर पायेगा. कुछ लोगों को राम के नाम से चिढ़ होती है, तो वे अपने मन के हिसाब से इस पर अवैध कब्जा कर कोई और स्वरूप दे देते रहे हैं. अब कोई ऐसा नहीं कर पायेगा. रामलीला साल में एक ही बार नहीं होनी चाहिए. पर्व का उल्लास हमेशा बना रहना चाहिए. जन्माष्टमी और अन्य त्योहार पर भी भजन का आयोजन होना चाहिए. मोहल्ले के लोग पहले रोज भजन-कीर्तन की मंडली निकालते थे. अन्य जगहों पर ऐसे आयोजन वर्ष भर हो. लंबे समय तक ये परम्परा को आने वाली पीढ़ी को भी दिखाई दे. ये वर्ष हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण है. 492 वर्ष बाद हम अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है. अनेक पीढियां चली गई. उनकी भी यही इच्छा रही है. अयोध्या रामजन्मभूमि आंदोलन में गोरखपुर का बड़ा महत्व रहा है.

राम मंदिर के आंदोलन को याद किया

मेरे दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने अयोध्या में इसके लिए आंदोलन किया. उसमें गोरखपुर के लोग भी गए होंगे. आज उसी के परिणाम स्वरूप अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है. यूपी और गोरखपुर विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है. वैश्विक महामारी में भी देश धमक के साथ आगे बढ़ रहा है. कोरोना का संकट टला नहीं है. विजय जुलूस इस बार नहीं निकाला. कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी करना होगा. दुर्गा समिति के लोगों को धन्यवाद देता है. कोरोना गाइडलाइन भी एक मर्यादा ही है. हम सभी को इसका पालन करना होगा. कोरोना के खिलाफ़ देश की इस लड़ाई में सहभागी बनें.

इस अवसर पर काशी से पधारे सतुआ बाबा, प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, योगी शांति नाथ, महंत रविन्‍द्र दास, श्रीश्री रामलीला समिति आर्यनगर के अध्‍यक्ष रेवती रमण दास, महामंत्री पुष्‍पदंत जैन, प्रवक्‍ता विकास जालान, उपमंत्री राजीव रंजन अग्रवाल, मनीष अग्रवाल सर्राफ, कीर्ति रमन दास, जितेन्‍द्र नाथ अग्रवाल, विधायक विपिन सिंह, इं. पीके मल्‍ल, महापौर सीताराम जायसवाल, अंजू चौधरी, डा. धमेन्‍द्र सिंह, युधिष्ठिर सिंह, राजेश गुप्‍ता, राहुल श्रीवास्‍तव, महेश पोद्दार, दुर्गेश त्रिपाठी, मीरा श्रीवास्‍तव, जितेन्‍द्र सैनी समेत अनेक गणमान्‍य लोग उपस्थित रहे.

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