गोरखपुर: 'देश को बांटने वाले जयचंद और मीर जाफर से...', बिपिन रावत की याद में हुए कार्यक्रम में बोले CM योगी
Gorakhpur News: सीएम योगी ने कहा कि PM मोदी ने 2047 में देश के शाताब्दी वर्ष में आत्मनिर्भर, विकसित और सुरक्षित भारत बनाने का सपना देखा है.उन्होंने इसके लिए सभी नागरिकों से प्रण लेने को कहा.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आज (9 दिसम्बर) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फर्टिलाइजर कैंपस स्थित सैनिक स्कूल में सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ) जनरल बिपिन रावत की चौथी पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में बनाए गए ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने उनकी प्रतिमा का अनावरण व प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. यही नहीं अपने सम्बोधन के दौरान नागरिकों को राष्ट्र के प्रति प्रेम और समर्पण का आह्वान किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें सामाजिक एकता पर बल देना होगा. हमारे समाज को जोड़ना. तोड़ने के लिए तो बहुत लोग हैं. कोई जाति-क्षेत्र के नाम पर तोड़ रहा है. कोई भाषा के नाम पर बांट रहा है. जितने भी तोड़क तत्व हैं, जब वो सत्ता में आते हैं, तो सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचते हैं. अपने परिवार की प्रापर्टी विदेश में बनाते हैं. कोई विदेश में होटल और कोई बीच खरीदता है. देश का पैसा वहां जाता है. भारत को दरिद्र करने के सारे खड्यंत्र करते हैं. देश को विभाजित करने का पाप करते हैं. ये वही पाप कर रहे हैं, जो पाप जयचंद और मीर जाफर ने देश के अंदर किया था. हमें ऐसे तत्वों से सावधान और सतर्क रहना होगा.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 में देश के शाताब्दी वर्ष में आत्मनिर्भर, विकसित और सुरक्षित भारत बनाने का सपना देखा है. इसके लिए उन्होंने देश के हर नागरिक को पंच प्रण लेने के लिए आह्वान किया है. उन्होंने कहा है कि हमें अपने विरासत पर गौरव का अनुभव करना चाहिए. गुलामी की मानसिकता को छोड़ना होगा. पुलिस और सेना के प्रति सम्मान का भाव रखना होगा. सामाजिक एकता पर बल देना होगा.
देश के महापुरुषों को सम्मान मिले
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सिकंदर को क्यों महान कहें. हम महाराणा प्रताप, क्षत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, पृथ्वीराज चौहान, जनरल विपिन रावत को महान क्यों नहीं कहते हैं. हमारे लिए परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले विजेता महान हैं. जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. जब देश का जवान सीमा पर चौकसी कर रहा होता है, तभी हम घर में चैन की नींद सोते हैं. हमें वीर सैनिकों का सम्मान करना होगा. हम विदेशी आक्रांता को महान नहीं कह सकते हैं. जिन लोगों ने विदेशी आक्रांताओं को महान बनाने का कुत्सित प्रयास किया है, वो गुलामी की मानसिकता है. इस गुलामी की मानसिकता को पूरी तरह समाप्त करना होगा. विदेशी वस्तुओं को अच्छा और भारत के कारीगरों की मेहनत का अपमान करने वाली गुलामी की मानसिकता से उबरना होगा. हमें सामाजिक एकता पर बल देना होगा.
सामाजिक एकता से ही देश का विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तात्कालिक लॉलीपाप से देश का कल्याण नहीं होने वाला है. देश का कल्याण तब होगा, जब समाज में एकता होगी. हम सभी को भारतीय होने पर गर्व की अनुभूति होनी चाहिए. जिसे खुद को भारतीय कहने में गौरव की अनुभूति होती है, वो हमारा है. जिसे खुद को भारतीय कहने में गौरव की अनुभूति नहीं होती है, वो पराया है. वो वहीं जाए जहां उसे अपना सबकुछ मिले. बाबा साहेब ने कहा था कि हमारी पहचान एक भारतीय के रूप में होनी चाहिए. हम सबका दायित्व बनता है, कि समरस समाज की स्थापना करें.
पांचवा प्रण है नागरिक कर्तव्य. आजादी के बाद देश में क्या हुआ. हमने अपने अधिकारों की बात की लेकिन संरक्षण की बात नहीं की. उन्होंने एक बार जनरल रावत से पूछा कि आपने देश के अंदर सेना का मोर्चा माइनस 20-30 तक लिया है. कैसे वहां कार्य होता है. उन्होंने गीता का श्लोक बोला. जिसका अर्थ है कि कार्य करते रहे. सामने दुश्मन के ठिकाने होते हैं. हम पहले खाई खोदते हैं. खाई पाटते हैं, जिससे खून जमने नहीं पाए. ये कार्य की प्रेरणा है. ये हमें कर्तव्यों के प्रति जोड़ता है. वो देश कभी महान नहीं बन सकता है, जहां अधिकारो का संघर्ष हो. ये जो नारे लगते हैं कि चाहें जो मजबूरी हो, हमारी मांगे पूरी हो. ये हमारा नारा नहीं हो सकता.
2016 में कारखाना नई तकनीक से शुरू हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर का फर्टिलाइजर कारखाना 1990 के पहले ऐसे ही चलता था. 1990 में ये बंद हो गया था. 1980 में इसमें एक बीमारी घुसी थी, चाहे जो मजबूरी हो हमारी मांगे पूरी हो. इसमें ऐसा दीमक लगा, कि 1990 में बंद हो गया. इसे शुरू करने के लिए 20 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा. 2016 में फर्टिलाइजर कारखाना नई तकनीक के साथ शुरू हुआ, तो सैनिक स्कूल भी खुल गया. इसे खोलने के लिए जनरल विपिन रावत जी के साथ चर्चा हुई थी. उन्होंने बताया था कि ऐसे बनाया जाए, तो बेहतर होगा. आज इस स्कूल में उनकी प्रतिमा उनकी स्मृति हम सबके लिए दिल में सदैव रहेगी.
काय्रक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा, जीबीआर मेमोरिल फाउंडेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, सचिव मंजीत नेगी ने भी सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों और गणमान्य लोगों के बीच जनरल बिपिन रावत की स्मृतियों को याद कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर जनरल बिपिन रावत की बेटी कृतिका और तारिणी रावत भी समारोह में उपस्थित रहीं. ये ऑडिटोरियम एक हजार लोगों की क्षमता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
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Source: IOCL





















