मुंह में पानी आ जाता है, ऐसी है देसी स्वाद वाली 'चवन्नी चाट'. एक बार खाएंगे दीवाने हो जाएंगे
प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर स्वाद का एक अनोखा पड़ाव है। इसका नाम है चवन्नी चाट। देसी स्वाद वाली इस चाट का स्वाद एक बार आपके जुबां पर चढ़ेगा तो फिर जल्द नहीं उतरेगा।

लखनऊ, संतोष कुमार। चवन्नी भले ही हिंदुस्तान में बंद हो गई हो लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ में एक इलाका ऐसा भी है जहां आज भी चवन्नी के नाम पर लोग खिंचे चले आते हैं। यह चवन्नी पैसों वाली चवन्नी नहीं। यह चवन्नी चटोरी जाट वाली चवन्नी चाट की है।
लखनऊ इलाहाबाद हाईवे पर पड़ने वाला राजधानी का कस्बा निगोहा चवन्नी के लिए प्रसिद्ध है। हम चवन्नी चाट वाले की बात कर रहे हैं। अगर आप लकड़ी की आग में, घर में कुटे देसी मसालों की चटपटी चाट का स्वाद लेना चाहते हैं तो बेधड़क होकर चवन्नी चाट वाले के यहां रुक जाइए।

चवन्नी चाट पर आपको स्वाद और वैरायटी दोनों मिलेगी। पकौड़ीयां इतनी तरह कि आप सोच भी नहीं सकते। प्याज पकौड़ी... बैंगन पकौड़ी... गोभी पकौड़ी... चाट पकौड़ी... बेसन पकोड़े... गोभी पकौड़ी... पत्ता पकौड़ी.. निगोहा कस्बे में बीती दो पीढ़ियों से चवन्नी चाट के नाम से मशहूर इस परंपरागत स्वाद को चलाने वाले श्याम गुप्ता कहते हैं कि सस्ते का जमाना था तो पिताजी ने चवन्नी में चाट देना शुरू किया।

स्वाद और सस्ता दोनों थे। दाम चवन्नी का था तो दुकान का नाम ही चवन्नी चाट पड़ गया। हालांकि आज दाम तो बढ़े हैं, आज भी मार्केट से सबसे सस्ती और सबसे बेहतरीन स्वाद को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके लिए घर में बनी देसी इमली, गुड़ और खटाई की चटनी बनाई जाती है तो वही घर में ही छांटकर, कुटवाकर मिलाया जाता है। बात चाट के तरीके की करें तो देसी मसालों के साथ लकड़ी की आंच में तली हुई पकौड़ी के ऊपर चटनी नहीं बल्कि चटनी में पकौड़ी को डुबो कर देते हैं और उस पर फिर देसी मसाले पकौड़ी के स्वाद को लाजवाब बनाते हैं।
यह स्वाद का ही कमाल है लखनऊ इलाहाबाद हाईवे के निगोहा कस्बे में पहुंचते ही राहगीरों की गाड़ियां रुक जाती हैं और रुके भी क्यों ना देसी स्वाद में देसी चाट का मजा जो मिलता है।
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