ग्रेटर नोएडा के नक्शेकदम पर यूपी के ये इलाके, भविष्य में NCR को टक्कर देगा SCR
योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ रही है. इसके लिए अपने दो दिवसीय चित्रकूट दौरे के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने 13 अरब रुपए की भी मंजूरी भी दे दी है.

UP News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास में नए कीर्तिमान रच रहे हैं. अब तो इसमें यमुना विकास प्राधिकरण भी शामिल हो गया है. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने के बाद इस क्षेत्र को विकास के पंख लग जाएंगे. जिस तरह कई देश इस क्षेत्र में निवेश और कॉरपोरेट ऑफिस को लेकर इंटरेस्टेड हैं, उसके मद्देनजर संभव है कि आने वाले कुछ वर्षों में जेवर के आस पास का इलाका देश-दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश में शुमार हो जाए.
बुंदेलखंड और पूर्वांचल भी कनेक्टिविटी बेहतर होने से उसी नक्शेकदम पर हैं. बुंदेलखंड सोलर एनर्जी का हब बन रहा है. डिफेंस कॉरिडोर यहां के माहौल को और बूस्टअप कर रहा है. सरकार की योजना कानपुर और झांसी के बीच 36 हजार एकड़ में झांसी के 33 गांवों को मिलाकर नोएडा से भी बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, बीडा (बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण) बनाने की है. इस पर काम भी शुरू हो गया है.
SCR में ये होगी खास सुविधा
लखनऊ के पास के पांच जिलों को मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) का गठन हो चुका है. लखनऊ और हरदोई की सीमा पर 1162 एकड़ में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना और लखनऊ अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया के 40 एकड़ क्षेत्र में आईटी पार्क, एसटीपी पार्क, इनक्यूबेशन सेंटर, स्टेट डेटा सेंटर के निर्माण से प्रदेश की राजधानी भी इंडस्ट्री का एक हब बन जाएगी.
योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ रही है. इसके लिए अपने दो दिवसीय चित्रकूट दौरे के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने 13 अरब रुपए की भी मंजूरी भी दे दी है. बुंदेलखंड और पूर्वांचल का विकास मुख्यमंत्री योगी की खास प्राथमिकताओं में से एक है.
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गोरखपुर में खाद कारखाना फिर शुरू
डिफेंस कॉरिडोर सहित विकास की अन्य योजनाओं के जरिए शौर्य और संस्कार की ये धरती विकास का भी स्वर्णिम इतिहास लिखेगी. इसी तरह मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में करीब दो दशकों से बंद खाद कारखाना फिर से चालू हो चुका है. वह भी पहले से अधिक उत्पादन क्षमता के साथ. गीडा भी अपनी स्थापना के करीब 35 वर्षों में निवेश का पसंदीदा स्थल बनकर उभरा है. इससे उत्साहित होकर सरकार गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर करीब 800 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित कर रही है.
गोरखपुर के दक्षिणांचल में धुरियापार के आसपास उसर जमीन का एक बड़ा पैच है. यहां खेतीबाड़ी बहुत मुश्किल है. इस इलाके में करीब 5500 एकड़ में एक नई इंडस्ट्रियल सिटी बना रही है. ऐसा होने पर गोरखपुर पटना और काठमांडू के बीच निवेश का सबसे बड़ा हब बनकर उभरेगा. सरकार ने पिछड़े बुंदेलखंड और पूर्वांचल के औद्योगिक विकास के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना लागू की है. सरकार प्रदेश के एक्सप्रेसवे के किनारे करीब 5500 एकड़ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास करने जा रही है.
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Source: IOCL
























