बीएचयू के वैज्ञानिकों के शोध में बड़ा खुलासा, शवों के मिलने के बाद भी कोरोना मुक्त है गंगाजल
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लाशों को गंगा के मैदान में दफनाया गया था. जिसे लेकर लोगों के मन में काफी डर बना हुआ था. शोध में खुलासा हुआ है कि गंगाजल पूरी तरह से कोरोना मुक्त है.

वाराणसीः गंगा के पानी में शवों का मिलना आम जनता को डरा रहा था लेकिन बीएचयू के वैज्ञानिकों का शोध आशंकाओं का जवाब दे रहा है. बीएचयू वैज्ञानिक ज्ञानेश्वर चौबे की मानें तो इन्होंने गंगा में शवों के मिलने के दौरान गंगा के पानी का सैम्पल लिया और उसके टेस्ट के बाद आये नतीजे राहत देने वाले थे.
गंगा में स्नान के डर से मिली राहत
उत्तर प्रदेश में गोमती के पानी में कोरोना मिलने की सूचना से एक बार फिर से लोग दहशतजदा हो गए थे. गाजीपुर, चन्दौली, बनारस या फिर प्रयागराज हर जगह गंगा में और किनारे पर दफन हुए शवों को बाढ़ में प्रवाहित होने के बाद लोगों को गंगा स्नान के बाद कोरोना होने का खतरा सता रहा था. ऐसे में बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर का शोध जनता को राहत की सांस दे रहा है.
16 जगहों के सैम्पल से वायरस मुक्त गंगा जल की पुष्टि
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा में शवों के मिलने से लोग दहशत में आ गए थे. जिसे लेकर प्रशासनिक टीम पर सवाल भी उठे और लोगों की चिंता भी बढ़ी, लेकिन इसी बीच बीएचयू के वैज्ञानिक शोध में जुटे थे. गंगा नदी से लगातार सैम्पल लिए जा रहे थे, वाराणसी में कुल 16 जगहों के सैम्पल लिए गए और उस सैम्पल में कोरोना के वायरस हैं या नहीं इसकी जांच के लिए इसे बीरबल साहनी इंस्टिटीयूट भेजा गया जिसके बाद गंगाजल कोरोना मुक्त होने की पूष्टी हुई है.
बीएचयू वैज्ञानिकों की अपील
बीएचयू वैज्ञानिकों का शोध जनता को राहत देने वाला है, वैज्ञानिक अपील कर रहे हैं कि गंगा के जल से कोरोना का खतरा ना के बराबर है और अब ये संभव कैसे हुआ है इस पर भी शोध जारी है.
इसे भी पढ़ेंः
मोदी कैबिनेट विस्तार से पहले रवि किशन को दिल्ली बुलाया गया, क्या मंत्रिमंडल में मिलेगी जगह?
क्या एक म्यान में रह पाएंगी दो तलवारें? कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- सोनिया गांधी का हर फैसला मंजूर
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















