यूपी: बस्ती में कोडीन कांड पर जिला अदालत का बड़ा फैसला, 2 दोषियों को 10 साल की सजा
Basti News: अधिवक्ता उत्कर्ष ने कोर्ट के सामने मजबूत दलीलें और साक्ष्य पेश किए. उन्होंने कोर्ट में बताया कि किस तरह से ये आरोपी प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार में लिप्त थे.

बस्ती में कोडीन सिरप तस्करी के मामले में जिला कोर्ट का अहम फैसला आया है, जिसमें दो दोषियों को 10 साला कठोर कारावास सहित 2 लाख का जुर्माना लगाया गया है. दोषी बलरामपुर निवासी अहमर खान और रमजान शेख को फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय ने 9 महीने की सुनवाई के बाद सजा का ऐलान किया. दोनों आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था.
बस्ती के रेलवे प्लेटफार्म पर प्रतिबंधित कोडीन कफ सिरप की तस्करी के एक गंभीर मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. न्यायाधीश विजय कुमार कटियार की अदालत ने प्रतिबंधित सिरप रखने के जुर्म में दो आरोपियों को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कठोर सजा और भारी अर्थदंड दोषी करार दिए गए आरोपियों की पहचान बलरामपुर जिले के मूल निवासी अहमर खान उर्फ तारा और रमजान शेख के रूप में हुई है. कोर्ट ने दोनों को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा देने के साथ ही प्रत्येक पर 1 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि दोषी अर्थदंड की राशि जमा नहीं करते हैं तो उन्हें अतिरिक्त एक वर्ष का कारावास भुगतना होगा.
यह था पूरा मामला
यह मामला 29 मार्च 2025 का है, जब रेलवे प्लेटफॉर्म पर जीआरपी (GRP) द्वारा की गई चेकिंग के दौरान दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के समय अहमर खान के पास से 300 सीसी और रमजान शेख के पास से 215 सीसी प्रतिबंधित कोडीन कफ सिरप बरामद हुआ था. जीआरपी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. सरकारी पक्ष की तरफ से कोर्ट के सामने पेश हुए सुबूत इस केस की मजबूत पैरवी किया. अधिवक्ता उत्कर्ष ने कोर्ट के सामने मजबूत दलीलें और साक्ष्य पेश किए. उन्होंने कोर्ट में बताया कि किस तरह से ये आरोपी प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार में लिप्त थे, जो समाज और युवाओं के स्वास्थ्य के लिए खतरा है.
सरकारी अधिवक्ता की दलीलों से सहमत होते हुए, न्यायाधीश विजय कुमार कटियार ने दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए यह कठोर दंड दिया. इस फैसले को प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर रोक लगाने की दिशा में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है. एडवोकेट ने बताया कि तस्करी करते दो आरोपी रंगे हाथ पकड़े गए जिनका उनके पास कोई कागज नहीं था, इसके बाद कानूनी कार्यवाही हुई और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के बाद अहम फैसला सामने आया.
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