Barabanki News: सरयू नदी के कहर में डूबे बाराबंकी के कई गांव, लोगों को बचाने के लिए नाव तक नहीं!
Barabanki Flood News: अक्टूबर के महीने में असमय बारिश ने प्रदेश के कई इलाकों को बुरी तरह से प्रभावित किया है. इनमें से एक जिला बाराबंकी भी है, जहां सरयू नदी खतरे के निशान से 95 cm ऊपर बह रही है.
Barabanki News: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में सरयू नदी कहर बरपा रही है, लेकिन प्रशासन लोगों को बचाने में फेल होता नजर आ रहा है. बेहिसाब पानी की वजह से तराई वासियों की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल, अक्टूबर के इस महीने में कई घंटों की तेज बरसात ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और इसी के साथ सरयू नदी खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी. बाढ़ से निपटने के लिए रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसील ने जो दावे किए थे, उनकी पोल भी खुल गई है. गांवों में पीड़ित फंसे हुए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नाव तक नहीं है. लोग भूखे-प्यासे हैं और उनकी मदद करने वाला कोई नहीं.
2 लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित
बाराबंकी जिला प्रशासन का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत कैंप एक्टिव है. हालांकि, हकीकत कुछ और कहती है. आपको बता दें, जिला प्रशासन ने कक्षा 12 तक के सभी स्कूल बंद करने के निर्देश दिए थे. एल्गिन ब्रिज पर बने कंट्रोल रूम के अनुसार, नेपाल के पैराजों से करीब 7.30 लाख क्यूसेक पानी सरयू नदी में छोड़ा गया है. नदी का पानी इस साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. इससे बाढ़ की चपेट में तराई के लगभग 135 गांव आ चुके हैं और करीब 2 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. वहीं, करीब 80 हजार लोग बेघर हो गए हैं. इतना ही नहीं, 10 हजार लोग अभी भी गांव में फंसे हुए हैं.
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पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर लाने की तैयारी
उधर सिरौलीगौसपुर तहसील में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए, बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को तटबंध से कोटवा धाम स्थित मिनी सचिवालय वर्णन बसेरे में लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. पीड़ित परिवारों को ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिए कोटवा धाम में सुरक्षित स्थान लाने की तैयारियां तेज हैं. बारिश और बढ़ रहे जलस्तर के मद्देनजर पीड़ितों का तटबंध पर रुकना अब ठीक नहीं है. इन लोगों के लिए सुरक्षित स्थान पर होना बहुत जरूरी है.
उप जिला अधिकारियों ने दिए हर संभव मदद के निर्देश
वहीं, बताया जा रहा है कि उप जिला अधिकारी प्रिया सिंह ने राजस्व कर्मचारियों को फोन कर पीड़ितों की मदद करने के निर्देश दिए हैं. उप जिलाधिकारी भले ही कर्मचारियों को निर्देश दिए जा रही हों, लेकिन इस क्षेत्र में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही साफ देखी जा सकती है.
दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में
बाराबंकी के सूरतगंज क्षेत्र के सुंदर नगर गांव में भी काफी लोग फंसे हुए हैं. साथ ही, हेतमापुर में भी हाहाकार मचा हुआ है. सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के सना वाटपरा सहारनपुरवा, मनीराम पुरवा, महा पुरवा, सिरौली गुंज, सरदार भुंतर ऊपरसा, बघौली पुरवा, भैरव कुल, सराय सुरजन, गोबराहा तिलवारी सहित तमाम गांवों में पानी से हाहाकार मचा है. बात अगर रामनगर तहसील की करें, तो यहां भी तपे शिफा, जैन पुरवा, कोरिन पुरवा, मल्हन पुरवा, प्रसादी पुरवा, बिरसा मुंडा, नामेंपुर, सिरौली, खुर्दा पुर समेत करीब 35 गांव में बाढ़ का पानी भर गया है. इसके अलावा, रामनगर तहसील के पूरा बसंतपुर, सूबेदार पुरवा, अतरसुइया गौरी पुरवा, कलहंस पुरवा सहित तमाम गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. स्कूल हों, झोपड़ियां हों या फिर घर, सब कुछ डूब चुका है.
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