Bahraich News: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से हो रहा खून का अवैध धंधा, अब छापेमारी के बाद हुआ बड़ा खुलासा
बहराइच (Bahraich) में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की लापरवाह से ब्लड बैंक में खून के अवैध धंधे का खुलासा हुआ है. लखनऊ में एक नकली खून के साथ एक व्यक्ति के पकड़े जाने के बाद ये खुसाला हुआ.

UP News: यूपी के बहराइच (Bahraich) में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) किस तरह लापरवाह है इसकी मिसाल जिले में स्थित ब्लड बैंक (Blood Bank) के ऊपर हुई कार्रवाई से देखने से मिल सकती है. एक प्राइवेट ब्लड बैंक वाला बिना किसी हिसाब किताब के पूरे जिले में नर्सिंग होम में खून की सप्लाई कर रहा था. इसकी गुणवत्ता की पोल तब खुली जब लखनऊ (Lucknow) में एक नकली खून का सौदागर पुलिस के हत्थे चढ़ा और उसने बहराइच के हसन ब्लड बैंक में खून देने की बात कबूल की.
लखनऊ का चिकित्सा विभाग हरकत में आया और चिकित्सा आयुक्त ने जिले के ड्रग इंपेक्टर के साथ ब्लड बैंक पर छापेमारी की. आयुक्त की छापेमारी में ब्लड बैंक के मालिक डा. मारूफ ब्लड बैंक में रखे कुल 39 यूनिट का कोई हिसाब किताब टीम को नहीं दिखा सके. औषधि आयुक्त ने ड्रग इंपेक्टर को फटकार लगाते हुए, ब्लड बैंक को सील कर उसमें रखे ब्लड की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल लखनऊ के पीजीआई भेजा है.
दलालों का बना अड्डा
बहराइच में खून का कारोबार पुराना है. चुकि बहराइच-नेपाल की सीमा से सटा जिला होने के साथ यहां श्रावस्ती, बलरामपुर और गोंडा के मरीज अपना इलाज कराने आते हैं. जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाए चरमराई है और अफसर लापरवाह बने है. सीमावर्ती जिले में प्राइवेट नर्सिंग होम में दलालो और झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है. जिले के थाना रिसिया इलाके में स्थित हसन हॉस्पिटल और ब्लड बैंक इसी की एक पहचान है.
अधिकारियों की मिली भगत से होता है खेल
स्थानीय लोगों के मुताबित यहां से बड़े पैमाने पर नकली खून नेपाल को सप्लाई किया जाता रहा है. लेकिन इस दो नंबर के व्यापार को एक नंबर में करने के लिए हसन हॉस्पिटल के मालिक डा. मारूफ ने घूसखोर स्वास्थ विभाग के अधिकारियों से मिली भगत करके हाल ही में ब्लड बैंक का लाइसेंस ले लिया था.
लेकिन मुनाफा खोरी की वजह से डा. साहब ब्लड का हिसाब किताब नहीं रख पाए कि ब्लड कहां से आता है और कहां जाता है. राजधानी में पुलिस के हत्थे एक नकली खून माफिया जब पकड़ा गया तो हसन ब्लड बैंक का नाम सामने आया. इसके बाद चिकित्सा आयुक्त की छापेमारी हुई तो ब्लड बैंक वाले खून के लेन देन का कोई कागज नहीं दिखा पाए तो ब्लड बैंक सील कर दिया गया.
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Source: IOCL





















