आजम खान के जेल से बाहर आने पर लग जाएगा ब्रेक! जानें - क्यों शुरू हुई ये चर्चा?
UP News: समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है. आजम खान के खिलाफ रामपुर पुलिस ने तीन नईं धाराएं बढ़ा दी हैं.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता को पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने क्वालिटी बार मामले में आजम खान को जमानत दे दी है. इस मामले में जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद आजम खान के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया था क्योंकि अब किसी भी दूसरे मामले में आजम खान की जमानत अर्जी लंबित नहीं है.
हालांकि अब इस मामले में एक पेंच और फंस गया है. दरअसल, 18 सितंबर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई उसी दिन रामपुर में स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट फास्ट ट्रैक रामपुर जिला अदालत के क्वालिटी बार मामले में आजम खान के खिलाफ 3 नई धाराएं बढ़ाईं गईं. ऐसे में आजम खान की जेल से रिहाई रुक सकती है.
रामपुर पुलिस ने 2020 के शत्रु संपत्ति से जुड़े मामले में आजम खान के खिलाफ धाराएं बढ़ा दी हैं. पुलिस ने मुकदमे में आईपीसी की धारा 467, 471 और 201 की बढ़ोतरी कर दी है. अब धाराएं बढ़ाए जाने के बाद आजम खान के जेल से निकलने की राह मुश्किल हो गई है.
क्वालिटी बार मामले में जमानत मिलने के बाद जब तक परवाना सीतापुर जेल पहुंचेगा तब रामपुर पुलिस की ओर से इस मामले में आपत्ति लगा दी जाएगी. इसके बाद आजम खान जेल से रिहा नहीं हो सकेंगे. अब इस मुकदमे में बढ़ाई गई धाराओं में भी आजम खान को जमानत करानी पड़ेगी
क्या बोल रहे हैं आजम खान के वकील?
दूसरी ओर हाईकोर्ट में आजम खान के अधिवक्ता मोहम्मद खालिद के मुताबिक जजमेंट अपलोड होने के बाद जमानत की प्रक्रिया पूरी करने और जेल तक रिहाई परवाना पहुंचने में दो-तीन दिन का समय लग सकता है. इसके बाद मोहम्मद आजम खान जेल से बाहर आ जाएंगे. अधिवक्ता मोहम्मद खालिद के अनुसार इसी मामले में आजम खान की पत्नी डॉक्टर तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 2020 में ही जमानत मिल चुकी है. उनके मुताबिक आजम खान के खिलाफ लगभग 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए गए थे. उन्हें सभी मुकदमों में अब जमानत मिल चुकी है. इसलिए उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 21 अगस्त को फैसला सुरक्षित कर लिया था. जमानत अर्जी पर अधिवक्ता इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद ने बहस की थी. मोहम्मद आजम खान ने एमपी-एमएलए कोर्ट से 17 मई 2025 को जमानत अर्जी खारिज होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी.
बता दें कि मोहम्मद आजम खान के खिलाफ रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे स्थित सईद नगर हरदोई पट्टी में क्वालिटी बार पर कब्जा करने का आरोप लगा था. 21 नवंबर 2019 को बार स्वामी गगन अरोड़ा की शिकायत पर तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी.
आजम की पत्नी और बेटा भी थे नामजद
पुलिस ने चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी, आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा व बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां को नामजद किया था लेकिन विवेचना के बाद पुलिस ने 2024 में सपा नेता मोहम्मद आजम खान को भी आरोपी बनाया था. इस मामले में जनवरी 2025 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. अदालत में आजम खान की अधिवक्ताओं ने दलील दी कि आजम खान की पत्नी डॉक्टर तजीन फातिमा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के नाम अलाट की गई थी लेकिन इसमें किसी तरह के नियमों की अनदेखी नहीं की गई थी और आजम खान ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल नहीं किया था.
अभियोजन भी आजम खान पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर सका. जिसके चलते कोर्ट ने मोहम्मद आजम खान की बचे हुए इस आखिरी मामले में जमानत मंजूर कर ली.
इससे पहले 10 सितंबर 2025 को आजम खान को डूंगरपुर में बस्ती कब्जाने जाने के मामले में भी कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
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Source: IOCL
























