यूपी: आगरा में एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाला गिरोह दबोचा गया, क्लोरोफार्म सुंघाकर करते थे वारदात
Agra News: जब कोई व्यक्ति एटीएम में प्रवेश करता तो गैंग के सदस्य बातों में उलझाकर या क्लोरोफॉर्म सुंघाकर उसे बेहोश कर देते. इसके बाद वे एटीएम कार्ड और पिन का इस्तेमाल कर खाते से पैसे निकाल लेते थे.

यूपी के आगरा जनपद में थाना सिकंदरा पुलिस ने एक अंतरजनपदीय ठगी गैंग का पर्दाफाश कर पांच शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग नशीला पदार्थ (क्लोरोफॉर्म) सुंघाकर और एटीएम कार्ड बदलकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करता था. पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर आगरा-मथुरा हाईवे पर डॉल्फिन वाटर पार्क के पास से इन अपराधियों को धर दबोचा.
गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से 52 एटीएम कार्ड, 2 अवैध तमंचे, 4 जिंदा कारतूस, 5,930 रुपये नकद, 3 मोबाइल फोन और घटना में इस्तेमाल की गई कार बरामद की गई है.
ठगी का तरीका: नशीला पदार्थ और कार्ड स्वैपिंग
पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने खुलासा किया कि वे एटीएम मशीनों के बाहर कार में बैठकर शिकार की तलाश करते थे. जब कोई व्यक्ति एटीएम में प्रवेश करता तो गैंग के सदस्य बातों में उलझाकर या क्लोरोफॉर्म सुंघाकर उसे बेहोश कर देते. इसके बाद वे एटीएम कार्ड और पिन का इस्तेमाल कर खाते से पैसे निकाल लेते थे. निकाले गए पैसों से वे अपनी मौज-मस्ती करते थे. गैंग ने कई जनपदों में ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को निशाना बनाया जाता था.
पीड़ित की शिकायत पर शुरू हुई जांच
मामले की शुरुआत तब हुई जब एक व्यक्ति ने थाना सिकंदरा में शिकायत दर्ज की कि एटीएम से पैसे निकालने के दौरान अज्ञात लोगों ने उसे बातों में उलझाकर नशीला पदार्थ सुंघाया और बेहोश कर दिया. अगले दिन बैंक में पासबुक चेक करने पर पता चला कि तीन अलग-अलग लेनदेन से 20,000 रुपये निकाले गए थे. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की और मुखबिर की सूचना पर गैंग को पकड़ लिया.
गैंग का लोनी, गाजियाबाद से कनेक्शन
एसीपी हरी पर्वत अक्षय महाडिक ने बताया कि यह गैंग लोनी, गाजियाबाद से संचालित होता था और कई जनपदों में ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. गैंग मुख्य रूप से उन लोगों को निशाना बनाता था जो एटीएम से पैसे निकालने में असमर्थ होते थे. मदद के बहाने उनकी बातों में फंसाकर और पिन डालने के दौरान कार्ड बदलकर ठगी की जाती थी. पुलिस अब गैंग के फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज की जांच कर रही है ताकि अन्य संभावित अपराधियों का पता लगाया जा सके.
Source: IOCL





















