एक्सप्लोरर

Analysis: आखिर राजभर की बीजेपी से दूरी की असली वजह क्या....पिछड़ों का आरक्षण या सीट का मुद्दा

ABP GANGA PRAVAAH: 19 मई को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पूर्वांचल की 13 सीटों पर मतदान है। पूर्वांचल में राजभर जाति की वोटबैंक का अच्छा खासा प्रभाव है, ऐसे में राजभर की बीजेपी से दूरी पार्टी के लिए कितनी नुकसान दायक रहेगी या फिर राजभर का ये दांव उल्टा साबित होगा?

नई दिल्ली, एबीपी गंगा। 19 मई को लोकसभा चुनाव के 7वें और अंतिम चरण का मतदान है। इस चरण के मतदान की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश के निवर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी चुनाव है। इस वक्त काशी देश की सबसे हॉट सीट बनी हुई है। वाराणसी समेत पूर्वांचल की 13 सीटों पर होने वाला ये चुनाव जीतना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की जंग है। हालांकि, क्या 2014 जैसी लहर 2019 में भी देखने को मिलेगी? क्या कल तक बीजेपी के साथ रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी कर पाएंगे? या राजभर का ये दांव उल्टा साबित होगा? ये वो बड़े राजनीतिक सवाल है...जो इस वक्त हर किसी के जहन में हैं।

Analysis: आखिर राजभर की बीजेपी से दूरी की असली वजह क्या....पिछड़ों का आरक्षण या सीट का मुद्दा

इन्हीं सब सवालों के जवाब पाने के लिए एबीपी गंगा ने सियासी दिग्गजों के लिए एक मंच तैयार किया और प्रश्नों के 'प्रवाह' में हमने वो सारे सवाल सियासतदां से पूछे जिनका सीधा नाता आपसे है। जब मंच पर ओम प्रकाश राजभर आए, तो उनके इस्तीफे से लेकर बीजेपी से बगावत और कौन होगा देश का अगला पीएम तक...सभी सवाल पूछे गए। इस सत्र में 'जाति ही पूछो वोटर की' विषय पर चर्चा हुई। जाहिर है कि राजभर के बीजेपी से बगावत करने का एक मात्र कारण अपनी पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ना नहीं था, बल्कि इसके पीछे जाति एक बहुत बड़ा फैक्टर रहा। ये इसलिए भी कहा जा सकता है कि क्योंकि राजभर बीजेपी से ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की बात कह चुके हैं। ये बात उन्होंने एबीपी गंगा के खास शो 'प्रवाह' में न सिर्फ दोहराई बल्कि इसकी वकालत भी की।

एबीपी गंगा के प्रवाह में राजभर ने पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण की बात करते हुए कहा, 'आज 9 प्रदेशों में पिछड़ी जाति के 27 फीसदी आरक्षण को तीन केटेगरी पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा में बांटा गया है। इन तीन केटेगरी को बना करके सबको हिस्सा दिया जा रहा है। ये ही बात हमारी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी हुई। ये बात 2017 के चुनाव से पहले हुई। फिर जब सालभर बीत गया, मैंने अमित शाह जी से उनका वादा पूरा करने को कहा। तब उन्होंने मुख्यमंत्री से कह सके सामाजिक न्याय समिति गठित कराई। अक्टूबर में कमेटी की रिपोर्ट भी आ गई। उन्होंने मुझसे कहा कि 2019 के चुनाव से छह महीने पहले हम इसको लागू कर देंगे। रिपोर्ट लागू न होने पर मैं फिर दिल्ली जाकर उनसे मिला, बोला- रिपोर्ट आ गई है, इसे लागू कीजिए। उन्होंने कहा देखा जाएगा। ये देखते देखते आचार संहिता लग गई। फिर मैं 17 फरवरी को उनसे मिले दिल्ली पहुंचा। उन्होंने तब मुझसे कहा कि अगर अभी हम इसे लागू कर देते, तो यादव और पटेल नाराज हो जाते। इससे हमारा बहुत नुकसान होता। हमने कहा 38 फीसदी अति पिछड़ों का वोट है, अगर ये अति पिछड़ा नाराज हो जाएगा तो आपका क्या होगा। इस पर वो बोले कि आगे चलकर हम इसे लागू कर देंगे।'

Analysis: आखिर राजभर की बीजेपी से दूरी की असली वजह क्या....पिछड़ों का आरक्षण या सीट का मुद्दा

हालांकि, राजभर ने शुरुआत तो जाति को साधने से की, लेकिन अंत में वो पार्टी, चिन्ह और टिकट पर आ गए। उनके जवाब ने कंफ्यूज करने का काम किया। लेकिन सवाल अब भी वो ही है कि क्या राजभर 'सामाजिक न्याय समिति' के नाम पर पिछड़ों के लिए आरक्षण की वकालत करके खुद के व्यक्तित्व को पिछड़ों के बीच साधने की कोशिश में जुटे थे या फिर बात उनकी टिकट की महात्वाकांक्षा की थी। जैसे बीएसपी सुप्रीमो मायावती खुद को दलितों का मसीहा बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं, क्या इसी प्रकार पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा की बात कर राजभर अपनी राजनीति महात्वाकांक्षाओं को पूरा करना चाहते थे? ये वो सवाल है, जिसका सीधा जवाब राजभर भी न दे सके। क्योंकि उनका पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण को लेकर बनाई गई रिपोर्ट के बात करते-करते अचानक वो इस बात पर आ गए कि बीजेपी चाहती थी कि मैं उसके पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ू। ऐसे में राजभर पिछड़ी जातियों को आरक्षण की मांग वाली बात उनकी कंफ्यूज करती है।

सवाल ये भी उठका है कि राजभर ने योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया, लेकिन उसे स्वीकारा नहीं गया। वे अब भी उत्तर प्रदेश सरकार में न सिर्फ मंत्री है, बल्कि एक मंत्री को मिलने वाली तमाम खुश-सुविधाओं का भी निर्वाह कर रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय तक चाहते हैं कि राजभर बीजेपी के साथ रहे। तब बीजेपी उनको इतना तबज्जों दे रही है, तो फिर उनकी नाराजगी किस बात की है। क्योंकि महेंद्र नाथ पांडेय को कहते देखा गया था कि हमने राजभर की पसंदीदा घोषी सीट उनके लिए छोड़ रखी है। तो ऐसे में आखिर झूठ कौन बोल रहा है, ये भी एक बड़ा सवाल है।

राजभर ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के लोगों ने पूर्वांचल में बीजेपी को जीत दिलाई। उनका ये दावा इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 19 मई को होने वाले अंतिम चरण के चुनाव में पूर्वांचल की ही 13 सीटों पर मतदान है। ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि राजभर का पूर्वांचल में अच्छा खासा वोट बैंक है। ऐसे में बीजेपी से राजभर की दूरी किसको कितना फायदा और कितना नुकसान पहुंचाएगी...ये भी देखना दिलचस्प होगा।

19 मई को पूर्वांचल की इन 13 सीटों पर मतदान 

19 मई को पूर्वांचल की महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, ग़ाज़ीपुर, चंदौली, मिर्ज़ापुर और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीटों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्तमान सीट वाराणसी में मतदान है। बात 2014 के लोकसभा चुनावों की करें तो, इन 13 सीटों में 12 सीटों पर बीजेपी ने खुद जीत हासिल की थी, जबकि एक सीट पर उनकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने चुनाव जीता था। सवाल ये है कि क्या बीजेपी 2014 की सफलता की कहानी इस बार इन 13 सीटों पर दोहरा पाएगी?

राजभर जाति का प्रभाव

वहीं, बात राजभर जाति के वोट बैंक की करें, तो पूर्वांचल में राजभर वोट ऐसा है जो करीब-करीब हर सीट पर अपना प्रभाव रखता है। पूर्वांचल की मऊ, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, देवरिया, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, गोरखपुर, कुशीनगर, सोनभद्र, मिर्जापुर सहित कई जिलों पर राजभर जाति का वोट प्रभाव रखता है। 2017 में इस समीकरण को समझते हुए बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर की पार्टी भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया, लेकिन राजभर 2019 में बीजेपी से नाराज होकर एकला चलो की राह पर चुनावी रण में उतरे हैं। ऐसे में एक ओर कांग्रेस और महागठबंधन तो दूसरी ओर राजभर की पार्टी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'तुम योद्धा हो, तुम्हें मारने की साजिश... तुम्हारी मां ही सबसे बड़ी दुश्मन...' कैसे AI के इशारे पर बेटे ने मां को मौत के घाट उतारा?
'तुम योद्धा हो, तुम्हें मारने की साजिश... तुम्हारी मां ही सबसे बड़ी दुश्मन...' कैसे AI के इशारे पर बेटे ने मां को मौत के घाट उतारा?
'ऐसे लोगों को रात के अंधेरे में निपटा देंगे', डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की इन अधिकारियों को चेतावनी
'ऐसे लोगों को रात के अंधेरे में निपटा देंगे', डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की इन अधिकारियों को चेतावनी
इस मुस्लिम देश में लाखों भारतीय जमकर कमा रहे पैसा, 1 हजार लेकर लौटे तो भारत में हो जाते हैं 2 लाख
इस मुस्लिम देश में लाखों भारतीय जमकर कमा रहे पैसा, 1 हजार लेकर लौटे तो भारत में हो जाते हैं 2 लाख
'हमें साउथ अफ्रीका से सीखना होगा...', दूसरे टी-20 में हार के बाद क्या बोले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव
'हमें साउथ अफ्रीका से सीखना होगा...', दूसरे टी-20 में हार के बाद क्या बोले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव

वीडियोज

सीक्रेट लव का शैतान दुश्मन | Sansani
TMC सांसद ने मकर द्वार पर सुलगाई सिगरेट...Giriraj Singh ने सांसद को टोका | ABP News
UP Sir Update: घुसपैठियों के खिलाफ देश में पहली बार इतना बड़ा एक्शन! | SIR Controversy
Sandeep Chaudhary: विपक्ष को बिहार वाला भय...3 करोड़ वोट कटना तय? | SIR | Gyanesh Kumar
Hanumangarh Farmers Protest: देश का किसान इतना क्रोधित क्यों है? | Bharat ki Baat With Pratima

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'तुम योद्धा हो, तुम्हें मारने की साजिश... तुम्हारी मां ही सबसे बड़ी दुश्मन...' कैसे AI के इशारे पर बेटे ने मां को मौत के घाट उतारा?
'तुम योद्धा हो, तुम्हें मारने की साजिश... तुम्हारी मां ही सबसे बड़ी दुश्मन...' कैसे AI के इशारे पर बेटे ने मां को मौत के घाट उतारा?
'ऐसे लोगों को रात के अंधेरे में निपटा देंगे', डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की इन अधिकारियों को चेतावनी
'ऐसे लोगों को रात के अंधेरे में निपटा देंगे', डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की इन अधिकारियों को चेतावनी
इस मुस्लिम देश में लाखों भारतीय जमकर कमा रहे पैसा, 1 हजार लेकर लौटे तो भारत में हो जाते हैं 2 लाख
इस मुस्लिम देश में लाखों भारतीय जमकर कमा रहे पैसा, 1 हजार लेकर लौटे तो भारत में हो जाते हैं 2 लाख
'हमें साउथ अफ्रीका से सीखना होगा...', दूसरे टी-20 में हार के बाद क्या बोले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव
'हमें साउथ अफ्रीका से सीखना होगा...', दूसरे टी-20 में हार के बाद क्या बोले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव
'हेमा जी को देखकर और भी तकलीफ होती है...' प्रेयर मीट में धर्मेंद्र को याद कर इमोशनल हुईं कंगना कनौत
'हेमा जी को देखकर और भी तकलीफ होती है...' प्रेयर मीट में धर्मेंद्र को याद कर इमोशनल हुईं कंगना कनौत
IAS संतोष वर्मा पर एक्शन! मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र को भेजा बर्खास्तगी का प्रस्ताव
IAS संतोष वर्मा पर एक्शन! मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र को भेजा बर्खास्तगी का प्रस्ताव
RITES में निकली बंपर पदों पर भर्ती, 40 साल तक उम्र वाले कर सकते हैं अप्लाई; जानें डिटेल्स
RITES में निकली बंपर पदों पर भर्ती, 40 साल तक उम्र वाले कर सकते हैं अप्लाई; जानें डिटेल्स
जोड़ों की उम्र कम कर देती है रोजाना की ये 8 गलतियां, डॉक्टर्स ने बताया किन आदतों को छोड़ना जरूरी
जोड़ों की उम्र कम कर देती है रोजाना की ये 8 गलतियां, डॉक्टर्स ने बताया किन आदतों को छोड़ना जरूरी
Embed widget