UP Crime: कानपुर में नवजात बच्ची को धोखाधड़ी से हड़पने का अनोखा मामला, अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज
Kanpur Crime News: कानपुर में धोखाधड़ी का अनोखा मामला सामने आया है. सुनवाई नहीं होने पर पीड़ित पक्ष ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत के आदेश से पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.

UP Crime News: कानपुर में नवजात बच्ची को धोखाधड़ी से हड़पने का अनोखा मामला सामने आया है. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया. नवाबगंज थाना क्षेत्र के आजाद नगर पहलवान पुरवा में सिक्योरिटी गार्ड मुन्ना लाल शुक्ला पत्नी के साथ रहते हैं. मुन्ना लाल की पत्नी सुनीता ने 17 दिसम्बर 2022 को बेटी के रूप में चौथी संतान को जन्म दिया था. सुनीता नवाबगंज में कोटेदार राजेन्द्र त्रिवेदी की दुकान से राशन लेती थीं. राशन लेने के दौरान कोटेदार की बेटी वर्षा से सुनीता का अच्छा संबंध हो गया. वर्षा ने सुनीता को राशन कार्ड में नवजात बच्ची का नाम जुड़वाने की सलाह दी. नजवात बच्ची का नाम जुड़ जाने पर सुनीता को वर्षा ने राशन और मुख्यमंत्री कोष से पैसे का भरोसा दिलाया.
बच्ची को धोखाधड़ी से हड़पने का अनोखा मामला
मां-बाप को विश्वास में लेकर वर्षा 30 जनवरी को नवजात बच्ची के साथ रजिस्ट्री ऑफिस पहुंची. रजिस्ट्री ऑफिस में कागजातों पर अंगूठे के निशान लगवाए और सभी की फोटो खींची गई. कोटेदार की बेटी वर्षा 31 जनवरी को सुनीता के घर पहुंची. बच्ची की फोटो बनवाने का बहाना करते हुए नवजात को साथ ले गई. सुनीता और मुन्नालाल ने बच्ची को वापस मांगा. पीड़िता का आरोप है कि 20 हजार रुपए देकर समझौता करने का दबाव बनाया गया. वर्षा ने सुनीता से कहा कि बेटी की अच्छी परवरिश हो जायेगी. दंपती ने थाने से लेकर पुलिस कमिश्नर और महिला आयोग तक मामले की शिकायत की, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार दंपति ने बच्ची वापस पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
अदालत के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
कोर्ट की हिदायत पर नवाबगंज थाने में कोटेदार राजेंद्र, बेटी वर्षा, पति मनीष, अम्बुज मिश्रा और अनुराग शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. पीड़ित मां का कहना है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस बच्ची को वापस नहीं दिला पाई है. बच्ची अभी भी कोटेदार परिवार के कब्जे में है. उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए गोदनामा तैयार कर बच्ची को ले लिया था. डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि थाना नवाबगंज में एक एफआईआर न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुई है. एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर बच्ची को लेने का आरोप लगाया है. दूसरे पक्ष ने आरोप का खंडन किया है. एसीपी को जांच के लिए निर्देशित किया गया है. दोनों पक्षों को बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन करवाया जाएगा. देखा जाएगा कि कौन सही और कौन गलत है. मुकदमा लिखा जा चुका है. कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी.
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Source: IOCL























