फिरोजाबाद सीट पर चाचा-भतीजे की जंग, शिवपाल के लिए आसान नहीं होगा अक्षय से मुकाबला
फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर सियासी समीकरण हमेशा बदलते रहे है। ये सीट कभी किसी एक पार्टी के हक में नहीं रही और लगातार जनता ने यहां पर अपना मिजाज बदला है।

फिरोजाबाद, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। फिरोजाबाद इस बार एक ही परिवार को दो सदस्यों के बीच चुनावी अखाड़ा बना हुआ है। इस सीट पर शिवपाल सिंह यादव की टक्कर भतीजे अक्षय प्रताप यादव से हो रही है। बीजेपी ने यहां से चन्द्र सेन जादोन को टिकट दिया है।
फिरोजाबाद लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर सियासी समीकरण हमेशा बदलते रहे है। ये सीट कभी किसी एक पार्टी के हक में नहीं रही और लगातार जनता ने यहां पर अपना मिजाज बदला है। इस सीट पर 1957 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। 1967 में सोशलिस्ट पार्टी ने यहां से चुनाव जीता, 1971 में कांग्रेस ने यहां पर जीत दर्ज की थी। 1991 के बाद लगातार तीन बार यहां बीजेपी ने जीत दर्ज की। 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन ने बड़ी जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी 2009 से इस सीट पर चुनाव लड़ा और जीते हालांकि चुनाव के बाद उन्होंने इस सीट को छोड़ दिया था। 2009 में कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने चुनाव जीता और 2014 में समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव ने यहां से बड़ी जीत हासिल की थी।
फिरोजाबाद सीट का समीकरण
2014 के आंकड़ों के अनुसार यहां 16 लाख से अधिक वोटर हैं, इनमें 9 लाख से अधिक पुरुष और 7 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं। 2019 के चुनाव में भी इस सीट पर मुस्लिम, जाट और यादव वोटरों का समीकरण बड़ी भूमिका निभा सकता है।
विधानसभा सीटें
फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें टुंडला, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद और सिरसागंज सीटें शामिल हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इसमें से सिर्फ सिरसागंज की सीट पर समाजवादी पार्टी ने बाजी मारी थी और बाकी सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं।
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर हुई थी, हालांकि समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव ने बाजी मार ली थी। अक्षय यादव को कुल 5 लाख से ज्यादा यानी 48.4% वोट मिले थे वहीं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को 38 फीसदी वोट मिले थे। पिछले चुनाव में यहां 67 फीसदी मतदान हुआ था।
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