एक दिन में 12 तो 14 दिन में 36 लोगों की मौत, जानें कहां का है ये हाल
सोनभद्र जिले के चुर्क गुरमा नगर पंचायत में लगातार मौतों से लोग दहशत में हैं. इतने लोगों की मौत के बाद भी जिला प्रशासन, स्वास्थ विभाग, नगर पंचायत विभाग ने इस गांव की सुध नहीं ली है. घर-घर टेस्टिंग तो छोड़िये, यहां सैनिटाइजेशन की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

सोनभद्र जिले के चुर्क गुरमा नगर पंचायत में लगातार मौतों से लोग दहशत में हैं. इतने लोगों की मौत के बाद भी जिला प्रशासन, स्वास्थ विभाग, नगर पंचायत विभाग ने इस गांव की सुध नहीं ली है. घर-घर टेस्टिंग तो छोड़िये, यहां सैनिटाइजेशन की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. नगर पंचायत चुर्क गुरमा की चेयरमैन गीता देवी ने भी माना कि हालात को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट आँखें मूंदे हुए है. नगर पंचायत मे अब तक लगभग 25 से ज्यादा मौत हो चुकी है. नगर पंचायत की चेयरमैन गीता देवी भी मौत का सही आंकड़ा नहीं बता सकीं.
चुर्क गुर्मा नगर पंचायत के वार्ड नम्बर 10 के रहने वाले युवक रोहित शुक्ला ने बताया, मेरी मां की सांस तेज़ चलने लगी तो एम्बुलेंस को फोन किया गया. डेढ़ घंटे बाद एम्बुलेंस आई. एम्बुलेंसकर्मी ने स्ट्रेचर देते हुए कहा, अपने मरीज को लाद लो. अस्पताल पहुंचे तो डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया. युवक ने बताया, समय से गाड़ी या एम्बुलेंस मिल जाती तो मेरी मां की जान बच जाती. रोहित शुक्ला ने बताया कि अस्पताल ले जाने पर डाक्टर ने मां को कोविड अस्पताल L-2 भेज दिया। वहाँ 45 मिनट तक मां स्ट्रेटचर पर पड़ी रही. किसी तरह से 3 मंजिल पर मां को ले गये तो डाक्टर ने छोटा आक्सीजन सिलेण्डर देते हुए कहा, लगा लो. किसी तरह मैंने मां को आक्सीजन लगाया। पल्स आक्सीमीटर लगाकर चेक किया गया तो पता चला कि वो ख़राब है.
चुर्क गुरमा की पूर्व चेयरमैन सईद कुरैसी का कहना है कि 14 दिनों में यहां लगभग 35 मौतें हो चुकी हैं. लोग दहशत की जिंदगी जी रहे हैं. स्वास्थ विभाग व नगर पंचायत की तरफ से कोई भी टेस्टिंग नही की गई है और ना ही नगर पंचायत द्वारा सैनिटाइजेशन किया गया है.
चुर्क गुरमा निवासी दीपू का कहना है कि मैं अभी अपने पिताजी का दाह संस्कार करके आ रहा हूं. मेरे पिताजी का 15 साल से न्यूरो का इलाज चल रहा था. चुनाव के दिन वोट देने गये, उसी के बाद तबियत खराब हुयी और कल उनकी मौत हो गयी. यहां नगर पंचायत ने ना ही सैनिटाइजेशन किया और ना ही स्वास्थ विभाग द्वारा कोरोना टेस्टिंग किया गया.
चुर्क गुरमा की चेयरमैन गीता देवी ने बताया कि नगर पंचायत मे संसाधन कम है और एम्बुलेंस की सुविधा नहीं है. जिलाधिकारी कार्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर बसे इस नगर पंचायत में लोग दहशत की जिंदगी जीने को मजबूर हैं.
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