Bharatpur: तापमान में कमी से सरसों में लग सकता है मृदुरोमिल आसिता रोग, इस फफूंदी नाशक घोल का करें इस्तेमाल
मृदुरोमिल आसिता रोग के कारण कई बार अंकुरित पौधे झुलस जाते हैं, पत्तियों की निचली तरफ देखते हैं तो वहां हलकी रुई जैसी फफूंदी दिखाई देती है. ऐसे में किसान रिडोमिल MZ नामक फफूंदी नाशक का छिड़काव करें.
Rajasthan News: राजस्थान का भरतपुर (Bharatpur) जिला सरसों उत्पादक जिला कहलाता है. प्रदेश में सरसों उत्पादन करने में भरतपुर जिला श्री गंगानगर और अलवर के बाद तीसरे नंबर पर आता है. भरतपुर जिले में मानसून के जाते समय हुई भारी बरसात के कारण इस बार सरसों की बुवाई लेट हो गई है. भरतपुर जिले में 2021-22 में सरसों की बुवाई 2 लाख 89 हजार 634 हेक्टेयर की गई थी.वहीं 4 लाख 96 हजार 971 मीट्रिक टन सरसों की पैदावार हुई. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार सरसों बुवाई का रकवा बढ़ेगा और भरतपुर जिले में इस बार लगभग 3 लाख 10 हजार हैक्टेयर के आसपास सरसों की बुवाई किसान करेंगे.
क्या कहना है कृषि विशेषज्ञों का
सरसों अनुसन्धान केंद्र के डॉक्टर पंकज शर्मा ने बताया कि भरतपुर जिले में सरसों की बुवाई 15 अक्टूबर तक खत्म हो जाती है. वहीं इसबार मानसून की विदाई के समय भारी बरसात के कारण बुवाई देरी से हुई लेकिन इतनी भी देरी नहीं हुई है कि किसान चिंतित हो. कई बार ऐसा लगता है कि देरी से बुवाई होने से हमारा उत्पादन कम होगा लेकिन अगर मौसम अनुकूल रहता है तो फसल के लिए किसी भी प्रकार की देरी नहीं है.
इन सरसों की नवंबर तक बुवाई कर सकते हैं
सरसों की बहुत सारी किस्म ऐसी है जैसे एनआरसीएचबी 101, राधिका जिनको किसान 15 नवंबर तक भी बुवाई करेंगे तो अच्छी पैदावार ले सकते हैं. वहीं जिन किसान ने दूसरा बीज उपयोग में लिया है और अंकुरण अच्छा हुआ है आगे चलकर मौसम में परिवर्तन होकर अगर दिसंबर-जनवरी में बरसात हो जाती है तो बारानी क्षेत्रों में सरसों की फसल निश्चित रूप से इस साल बहुत अच्छी पैदा होगी. ऐसा हम लोगों का मानना है.
किसान इस बात का ध्यान रखें
किसानों को खास तौर से ये ध्यान रखना है कि इस समय तापमान में धीरे-धीरे कमी हो रही है. वहीं इस समय सरसों का पौधा छोटी अवस्था में है तो मृदुरोमिल आसिता रोग के आने की वजह से कई बार अंकुरित पौधे झुलस जाते है पत्तियों की निचली तरफ देखते है तो वहां हलकी रुई जैसी फफूंदी दिखाई देती है. किसान इस तरह के लक्षण दिखाई देते है या फसल के पौधे कुछ कुम्लाये हुए दिखे तो आप निश्चित रूप से कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि अधिकारी या कृषि साथी से संपर्क करें या सरसों अनुसंधान निदेशालय में जानकारी दें. अगर आप दूरी पर है तो रिडोमिल MZ नामक फफूंदी नाशक है इसे पानी में घोल बनाकर छिड़कें.
तापमान बढ़ेगा तो पड़ेगा विपरीत प्रभाव
डॉक्टर पंकज शर्मा ने बताया है कि आने वाले फरवरी माह के अंदर अगर तापमान जल्दी बढ़ जाता है तब हमारी फसल पर विपरीत प्रभाव या काम उत्पादन हो सकता है. परन्तु इस समय हम कहें की वातावरण को देखते हुए कि कम उत्पादन होगा ऐसा नहीं है. आप निश्चिन्त रहें आपकी फसल से उत्पादन अच्छा होगा.
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