सुखबीर सिंह बादल फिर बने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष, बताया आगे का प्लान
Sukhbir Singh Badal: पिछले साल 16 नवंबर को सुखबीर बादल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि ये इस्तीफा पार्टी की वर्किंग कमेटी ने इसी साल जनवरी में स्वीकार किया था.

Sukhbir Singh Badal Elected As SAD President: सुखबीर सिंह बादल को एक बार फइर शिरोमणि अकाली दल का अध्यक्ष चुन लिया गया है. अमृतसर में सर्वसम्मति से उन्हें पार्टी प्रमुख चुना गया है. पिछले साल 16 नवंबर को सुखबीर बादल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि ये इस्तीफा पार्टी की वर्किंग कमेटी ने इसी साल जनवरी में स्वीकार किया था.
इस दौरान सुखबीर बादल और कुछ अन्य अकाली नेताओं को श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखाहिया घोषित किया था जिसकी सजा इन नेताओं ने भुगती है. पिछले साल लोकसभा चुनावों के बाद सुखबीर बादल के नेतृत्व के खिलाफ पार्टी में कुछ नेताओं ने बगावत कर दी थी. बगावत करने वाले नेताओं में प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, और सुखदेव सिंह ढींडसा शामिल थे.
'पंजाब के हितों की रक्षा करना लक्ष्य'
सुखबीर सिंह बादल ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य पंजाब के हितों की रक्षा करना और अकाली दल को और मजबूत करना है."
नए सिरे से हुआ चुनाव
पार्टी में नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाकर अब अध्यक्ष का चुनाव कराया गया है. हालांकि पार्टी के बागी गुट के नेता इस चुनाव को श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों की अवहेलना बता रहे हैं. दरअसल जब सुखबीर बादल और अन्य अकाली नेताओं को अकाल तख्त ने तनखाहिया घोषित किया था इस वक्त अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल का सदस्यता अभियान चलाने के लिए एक सात सदस्यीय कमेटी बनाई थी.
मई में चलेगा सदस्यता अभियान
अकाली दल ने उस कमेटी को न मानते हुए अपने स्तर पर पार्टी सदस्यता अभियान चलाया था. बागी गुट के नेताओं का कहना है की अकाली दल ने जो सदस्यता अभियान चलाया वो अकाल तख्त के आदेशों के खिलाफ है. बागी नेता मई महीने में सदस्यता अभियान चलाएंगे.
2008 में पहली बार बने अध्यक्ष
सुखबीर सिंह बादल लंबे समय से शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख चेहरों में से एक रहे हैं. वह पहली बार 2008 में पार्टी अध्यक्ष बने थे और तब से कई बार इस पद पर चुने जा चुके हैं. उनके पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद उन्होंने पार्टी की कमान पूरी तरह संभाली. हालांकि, पिछले कुछ साल में पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें 2022 के विधानसभा चुनावों में हार और कुछ नेताओं का पार्टी छोड़ना शामिल है.
'नए नेताओं को देंगे मौका'
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सुखबीर अब संगठन को मजबूत करने और नए नेताओं को मौका देने पर ध्यान देंगे. पंजाब में 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए सुखबीर ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने की अपील की है.
कांग्रेस ने कसा तंज
वहीं कांग्रेस के पंजाब अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि सुखबीर बादल तो पहले से ही अध्यक्ष थे वो तो बीच में उनकी बेटी की शादी थी, इसलिए उन्होंने सोचा होगा कि कुछ छुट्टी ले ली जाए. उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त के आदेशों को नहीं माना है.
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Source: IOCL























