Kurukshetra News: तीसरी क्लास से PhD तक के पाठ्यक्रम में शामिल होगी प्राकृतिक खेती, कृषि मंत्री ने दी ये जानकारी
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा आने वाली पीढ़ी को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए इसे तीसरी कक्षा से पीएचडी तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.
Haryana News: केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को कुरुक्षेत्र के कैंथला स्थित गुरुकुल में कहा कि प्राकृतिक खेती तीसरी कक्षा से पीएचडी तक के पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी. इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है.
सेमिनार में लिया भाग
मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और कृषि संस्थानों द्वारा प्राकृतिक खेती का एक मॉडल तैयार किया जाएगा. दरअसल मंत्री कुरुक्षेत्र के गुरुकुल में प्राकृतिक खेती पर एक सेमिनार में भाग लेने के लिए आए थे. उनके साथ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी थे. मंत्री ने कहा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आईसीएआर और कृषि संस्थान प्राकृतिक खेती का मॉडल तैयार करेंगे और दुनिया भारतीय मॉडल को देखेगी.
गुजरात के माननीय राज्यपाल @ADevvrat जी के साथ आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती को लेकर किए जा रहे नवाचारों का अवलोकन किया। गुरुकुल कुरुक्षेत्र की गांव कैंथला के पास 200 एकड़ जमीन में की जा रही प्राकृतिक खेती एवं उस पर अनुसंधान निश्चित रूप से सराहनीय प्रयास है। pic.twitter.com/NrqRvrXuqr
— Kailash Choudhary (@KailashBaytu) September 15, 2022
जल्द ही पाठ्यक्रम में होगा शामिल
गुरुकुल कुरुक्षेत्र इसका आधार और मुख्य शोध केंद्र होगा. भविष्य की पीढ़ी को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए इसे तीसरी कक्षा से पीएचडी तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों और कुलपतियों की एक समिति बनाई गई है. समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद जल्द ही प्राकृतिक खेती के विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. साथ ही मंत्री ने कैंथला गांव में की जा रही प्राकृतिक खेती का भी दौरा किया.
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