Haryana: भूपेंद्र हुड्डा की मांग- संदीप सिंह को बर्खास्त करे हरियाणा सरकार, तभी निष्पक्ष जांच संभव
Haryana News: संदीप सिंह को लेकर हरियाणा सरकार विपक्ष के निशाने पर है. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि सिर्फ आरोप लगाने से कोई दोषी नहीं हो जाता. लिहाजा, संदीप सिंह अब भी मंत्री हैं.

Sandeep Singh Sexual Harassment Case: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे संदीप सिंह को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि आरोपी के मंत्री पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. लिहाजा, आरोपी को नैतिक आधार पर तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
गौरतलब है कि जूनियर एथलेटिक्स कोच और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान ने अपनी ओर से दायर यौन उत्पीड़न मामले में सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उनका आरोप है कि जब वे सिंह के चंडीगढ़ स्थित निवास में बने कार्यालय में कुछ ऑफिसियल काम से मिलने गई तो उन्होंने परेशान किया. इसके बाद उनकी शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. इसके साथ ही हुड्डा ने कहा कि मैं भूपेंद्र सिंह को दोषी या निर्दोष नहीं ठहरा रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं यह चाहता हूं कि महिला कोच द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
'बीजेपी सरकार में नहीं बची है नैतिकता'
इस मौके पर उन्होंने हरियाणा की खट्टर सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इस मामले में नैतिकता के आधार पर मंत्री को खुद ही पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने इस सरकार में नैतिकता बची ही नहीं है. इस मौके पर हरियाणा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने अपने कार्यकाल में अपने मंत्री से लिए इस्तीफे के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था, तो मेरे एक मंत्री ने एक मामले की निष्पक्ष जांच को संपन्न होने देने के लिए इस्तीफा दे दिया था.
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'दिखावे के लिए बनाई जाती है जांच समिति'
मंत्री संदीप सिंह की शिकायत की जांच के लिए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक की ओर से गठित समिति पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इससे पहले, पिछले वर्ष नूंह जिले में पुलिस के एक डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) को डंपर से कुचल हत्या के मामले में एसआईटी ने पूरी जांच को सिर्फ एक चालक तक सीमित कर दिया था, जबकि अवैध खनन से जुड़े बड़ी मछलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह हमने कई मामले देखे हैं, जिन्हें एसआईटी के नाम पर दबा दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में एसआईटी का मतलब विशेष जांच दल नहीं है, बल्कि एसआईटी आंतरिक सच्चाई को दबाने वाली हो गई है. हुड्डा ने यह भी सवाल किया कि राज्य सरकार के वरिष्ठ कानून अधिकारी बचाव पक्ष के वकील के रूप में सिंह का बचाव क्यों कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार निष्पक्ष जांच नहीं करा सकती है तो उन्हें मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए या उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराई जानी चाहिए.
' खट्टर सिंह को बताया अपना मंत्री'
गौरतलब है कि अपने ऊपर आरोप लगने के बाद खेल मंत्री संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री को अपना विभाग सौंप दिया था, जिसे अब खट्टर संभाल रहे हैं. इस बीच तीन दिन पहले यानी सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सिर्फ आरोप लगाने से कोई दोषी नहीं हो जाता. लिहाजा, संदीप सिंह अब भी मंत्री हैं. आपको बता दें कि संदीप सिंह ने आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताते हुए इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके जांच के लिए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल ने तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन कर दिया है.
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Source: IOCL























