प्रधानमंत्री पद को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का बड़ा बयान, 'राहुल और राजा...'
Swami Avimukteshwaranand Saraswati News: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री पद को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि जिसे जनता सही समझेगी उसे पीएम बनाएगी.

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री पद को लेकर बड़ा बयान दिया है. मुंबई में मीडिया से बातचीत में मंगलवार (26 अगस्त) को उन्होंने कहा कि जिसको जनता बनाती है प्रधानमंत्री वो बनता है. राहुल और राजा नहीं बनता है. जनता जिसको समझेगी कि सही है उसको बनाएगी.
मुंबई में जब स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज से पूछा गया कि हिंदू संतों के बीच युद्ध जैसी स्थिति क्यों है, जहां हर कोई एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहा है, तो उन्होंने कहा, "साधुओं में कोई विवाद नहीं है. साधु नियमित रूप से चर्चा करते रहते हैं. यहां तो रोज शास्त्रार्थ होता रहता है. आप सेना में चले जाओ, रोज वहां पर शस्त्राभ्यास होता है तो लड़ाई थोड़े ही होती रहती है. अभ्यास होता रहता है. ये हमलोगों का अभ्यास हो रहा है.''
'तरकश के तीरों को परखकर रखना पड़ता है'
उन्होंने आगे कहा, ''जब कोई विरोधी सामने आएगा, तो हम कैसे जवाब देंगे? अगर हमलोग आपस में लड़ लड़कर तर्कों को परखे नहीं रहेंगे तो विरोधियों को जवाब नहीं दे पाएंगे. तरकश के तीरों को परखकर रखना पड़ता है, ये युद्धाभ्यास होता है. ऐसे ही बीच-बीच में हमलोगों का आपस में होता रहता है. इसको विवाद न समझा जाए.
Mumbai, Maharashtra: When asked why there is a war-like situation among Hindu saints, with everyone accusing each other, Swami Avimukteshwarananda Saraswati Maharaj says, "There is no dispute among the sadhus. Sadhus keep discussing matters regularly. Here, debates happen every… pic.twitter.com/LCr2cNKn1q
— IANS (@ians_india) August 26, 2025
प्रेमानंद महाराज और स्वामी रामभद्राचार्य में विवाद
बता दें कि हाल ही में संत प्रेमानंद महाराज पर स्वामी रामभद्राचार्य ने टिप्पणी की थी, जिसके बाद संत समाज से कई लोग भड़क गए थे. कुछ कथावाचकों ने प्रेमानंद का बचाव भी किया था. अनिरुद्धाचार्य महाराज की ओर से महिलाओं पर दिए बयान के बाद विवाद शुरू हुआ था. प्रेमानंद महाराज ने भी महिलाओं को लेकर विवादित टिप्पणी की थी.
इसके बीच स्वामी रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज को चैलेंज करते हुए कहा था कि वो मेरे सामने संस्कृत का एक अक्षर बोलकर दिखाएं. इस पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने सवाल किया, ''क्या संस्कृत बोलना ही विद्वता है?
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Source: IOCL






















