Vaibhavi Deshmukh: 'पिता की हत्या का दर्द, फिर भी 12वीं में हासिल की शानदार सफलता', संजय निरुपम ने की वैभवी की तारिफ
Sanjay Nirupam on Vaibhavi Deshmukh: संजय निरुपम ने महाराष्ट्र राज्य बोर्ड 12वीं की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली वैभवी देशमुख की तारिफ की है. वैभवी देशमुख के पिता संतोष की नृशंस हत्या कर दी गई थी

Sanjay Nirupam on Vaibhavi Deshmukh: महाराष्ट्र राज्य बोर्ड की 12वीं (HSC) परीक्षा के नतीजों के बाद एक नाम पूरे राज्य में चर्चा में है- वैभवी देशमुख. बीड जिले के मस्साजोग गांव की रहने वाली वैभवी न केवल अपनी मेहनत और सफलता की वजह से सुर्खियों में है, बल्कि उसकी कहानी ने लोगों के दिलों को छू लिया है. शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम ने वैभवी देशमुख की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए वैभवी की सराहना की है.
मानसिक तनावों के बीच अव्वल दर्जा- निरुपम
शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने वैभवी की सफलता पर ट्वीट करते हुए लिखा, "यह बच्ची बीड़ जिले के मस्साजोग गांव के स्वर्गीय सरपंच संतोष देशमुख की होनहार बेटी वैभवी देशमुख है. पिछले साल विधानसभा चुनावों के बाद बीड़ के हफ्ताखोर गुंडों ने वैभवी के पिता की नृशंस हत्या कर दी थी. तमाम मानसिक तनावों के बीच उसने बारहवीं की परीक्षा में 85.13 प्रतिशत अंक प्राप्त करके अव्वल दर्जा हासिल की."
संतोष देशमुख को सच्ची श्रद्धांजलि- निरुपम
संजय निरुपम ने वैभवी की इस उपलब्धि को उसके पिता के लिए "सच्ची श्रद्धांजलि" बताया. उन्होंने कहा कि वैभवी न सिर्फ पढ़ाई में जुटी रही, बल्कि पिता को न्याय दिलाने के लिए हुए आंदोलनों में भी हिस्सा लेती रही. निरुपम ने लिखा कि यह घटना इतनी गंभीर थी कि महायुती सरकार के एक मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा. आरोपियों को कड़ी कार्रवाई के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
आसान नहीं थी वैभवी देशमुख की राहें
पिता की हत्या के बाद जहां पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ था, वहीं वैभवी के सामने एक और बड़ी चुनौती थी — उसकी बारहवीं की परीक्षा. यह समय उसके लिए बेहद कठिन था. एक ओर पिता की मौत का गहरा सदमा, दूसरी ओर शिक्षा के मोर्चे पर खुद को संभालने की जिम्मेदारी. इन हालातों में भी वैभवी ने हार नहीं मानी. इस कठिन समय में वैभवी ने जिस संयम, साहस और संकल्प का परिचय दिया, वह अपने आप में एक प्रेरणादायक कहानी है. आज जब देश में युवा कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं, वैभवी का संघर्ष और उसकी सफलता यह दिखाती है कि यदि इरादे मजबूत हों, तो कोई भी परिस्थिति इंसान को हरा नहीं सकती.
वैभवी को इस सफलता के लिए न केवल बीड जिले से, बल्कि पूरे महाराष्ट्र से ढेरों शुभकामनाएं मिल रही हैं. वह आज युवाओं के लिए एक प्रतीक बन गई है — संघर्ष से सफलता की मिसाल.
Source: IOCL