Maharashtra Politics: 'देश में लोकतंत्र... 143 सांसदों को जिस बेरहमी से...', संजय राउत का मोदी सरकार पर हमला
Sanjay Raut on Modi Government: शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. राउत ने कहा, 'ये लोकतंत्र की रीत नहीं है. देश में लोकतंत्र नहीं बचा है.'

Shiv Sena UBT MP Sanjay Raut: शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "जिस प्रकार से विधेयक पारित किए जा रहे हैं, सामने विपक्ष नहीं है. मनचाहे तरीके से विधेयक मंजूर करना, ये लोकतंत्र की रीत नहीं है. देश में लोकतंत्र नहीं बचा है. 143 सांसदों को जिस बेरहमी से निकाल दिया गया... हम जाएंगे, मार्च निकालेंगे, प्रदर्शन करेंगे." शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने बुधवार को बीजेपी पर संसद को, जिसे उन्होंने "लोकतंत्र का मंदिर" कहा था, श्मशान में तब्दील करने और फिर वहां राम मंदिर का उद्घाटन करने की भव्य योजना बनाने का आरोप लगाया.
क्या बोले संजय राउत?
राउत ने 141 लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के अभूतपूर्व निलंबन पर तीखी प्रतिक्रिया में राउत ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हाल के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी उन्मत्त हो गई है. उन्होंने कहा, “पहले आप लोकतंत्र के मंदिर, हमारी संसद को श्मशान में बदल देते हैं और फिर अयोध्या में राम मंदिर का बड़े धूमधाम से उद्घाटन करने की योजना बनाते हैं… हम इस तरह के दोहरेपन में कभी शामिल नहीं होते हैं. आपको भगवान राम का आशीर्वाद कभी नहीं मिलेगा.”
आप भी सुनें क्या बोले संजय राउत?
#WATCH दिल्ली: शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "जिस प्रकार से विधेयक पारित किए जा रहे हैं, सामने विपक्ष नहीं है. मनचाहे तरीके से विधेयक मंजूर करना, ये लोकतंत्र की रीत नहीं है. देश में लोकतंत्र नहीं बचा है. 143 सांसदों को जिस बेरहमी से निकाल दिया गया... हम जाएंगे, मार्च… pic.twitter.com/oGZOHRAaXe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2023
उन्होंने कहा कि केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि अयोध्या में राम मंदिर की दिव्यता के साथ-साथ संसद की पवित्रता भी बरकरार रहे और उन्होंने कसम खाई कि विपक्षी दल लोकतंत्र और संसद के लिए लड़ना जारी रखेंगे. राउत ने कहा कि 141 सांसदों का निलंबन कोई "ऐतिहासिक" घटना नहीं है, बल्कि बीजेपी और उसके अंधभक्तों की बेशर्मी का उदाहरण है, जिसने देश में लोकतंत्र को राख कर दिया है.
एसएस-यूबीटी नेता की कड़ी टिप्पणी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार द्वारा 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र के एक दिन बाद आई है. पवार ने गंभीर घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान की माँग करने वाले सांसदों के निलंबन की आलोचना करते हुए कहा था कि लोकतंत्र में यह उनका अधिकार है. उन्होंने सुरक्षा चूक पर भी चिंता व्यक्त की.
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