संजय राउत ने कर दी CM देवेंद्र फडणवीस की तारीफ! एकनाथ शिंदे के 13 मंत्रियों के लिए लिया था ये फैसला
Maharashtra CM देवेंद्र फडणवीस द्वारा 'फिक्सर्स' को मंत्रियों के PS या OSD के रूप में नियुक्ति पर रोक लगाने वाले निर्णय पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने उनकी तारीफ कर दी.

Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों काफी सक्रिय है. विपक्षी दलों का एक दूसरे पर कभी आरोप लगाना तो कभी तारीफ करना लगा हुआ है. ऐसे में शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सराहना कर दी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार संजय राउत ने मंगलवार (25 फरवरी) को देवेंद्र फडणवीस के उस निर्णय की तारीफ की, जिसमें उन्होंने "फिक्सर्स" को मंत्रियों के व्यक्तिगत सचिव (PS) या विशेष कार्य अधिकारी (OSD) के रूप में नियुक्त करने की अनुमति नहीं दी.
उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने दावा किया कि जिन 16 अधिकारियों की नियुक्ति को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंजूरी नहीं दी, उनमें से 13 शिवसेना के मंत्रियों के थे. सीएम ने राज्य हित में कठोर निर्णय लिए हैं, और उनकी यह पहल महाराष्ट्र की प्रशासनिक पारदर्शिता बनाए रखने में सहायक होगी.
संजय राउत का दावा- रोकी गई नियुक्ति में 13 शिवसेना के मंत्री
मीडिया से बातचीत के दौरान राउत ने कहा, "मेरे पास उन 16 PS और OSD के नाम हैं, जिनकी नियुक्ति रोकी गई है. इनमें से 13 शिवसेना (शिंदे गुट) के मंत्रियों के हैं, जबकि बाकी अजित पवार गुट से जुड़े हुए हैं. फडणवीस सख्त फैसले ले रहे हैं. राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम राज्य हित में लिए गए सही फैसलों का समर्थन करते हैं."
राउत ने यह भी आरोप लगाया कि जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे (जून 2022-नवंबर 2024), तब मंजूर किए गए कुछ परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था. उन्होंने कहा कि फडणवीस ने उन परियोजनाओं को रोककर राज्य की आर्थिक लूट को बंद कर दिया है.
देवेंद्र फडणवीस का रुख स्पष्ट
मुख्यमंत्री फडणवीस ने सोमवार (24 फरवरी) को स्पष्ट किया कि उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों द्वारा सुझाए गए 125 नामों में से 109 को मंजूरी दी है, लेकिन 16 नामों को अस्वीकार कर दिया. उन्होंने बताया कि इन नामों को अस्वीकार करने का कारण यह था कि या तो इन अधिकारियों पर जांच चल रही है या फिर वे प्रशासनिक गलियारों में "फिक्सर" के रूप में बदनाम हैं.
फडणवीस ने कहा, "जिन 16 अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी गई है, उनके खिलाफ किसी न किसी प्रकार की जांच चल रही है या फिर वे 'फिक्सर्स' के रूप में कुख्यात हैं. राज्य की स्वच्छ प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे व्यक्तियों को इन पदों पर नियुक्त करना उचित नहीं होगा."
राजनीतिक हलचल तेज
इस घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. विपक्षी दलों ने फडणवीस के इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार गुट के कुछ नेताओं ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की दिशा में एक मजबूत कदम बताया है.
फडणवीस द्वारा लिए गए इस निर्णय से महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस फैसले के राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव किस प्रकार सामने आते हैं.
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Source: IOCL























