राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लिखा पीएम मोदी को पत्र, 'यह स्थिति जीत की नहीं, बल्कि...'
Operation Sindoor: राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि मैं ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि जब तक युद्ध का परिणाम स्पष्ट नहीं हो जाता, हम जीत का जश्न मनाने से बचें.

Amit Thackeray On Operation Sindoor: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि आपके नेतृत्व में देश ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थरों पर निर्णायक प्रगति की है. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से बड़ी अपील कर दी है.
अमित ठाकरे ने पत्र में लिखा, "आपके नेतृत्व में देश ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थरों पर निर्णायक प्रगति की है. आपकी ओर से लिए गए कठोर, लेकिन आवश्यक फैसलों के लिए धन्यवाद, विशेषकर राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में, जो राष्ट्रीय हित के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं. सीमा पर वर्तमान स्थिति के कारण जनता का ध्यान पूरी तरह से हमारी भारतीय सेना पर केंद्रित हो गया है. ऑपरेशन सिंदूर में हमारे बहादुर सैनिकों की ओर से दिखाया गया साहस, अनुशासन, समर्पण और बलिदान पूरे देश के लिए गौरव और गौरव का स्रोत है."
भारतीय सेना ने देश के दिल में अपनी जगह बना ली- अमित ठाकरे
उन्होंने आगे लिखा, "भारतीय सेना ने अपनी बहादुरी से पूरे देश के दिल में अपनी जगह बना ली है. आज देश के हर घर, चौराहे और सोशल मीडिया से सैनिकों के काम को सलाम किया जा रहा है. आज देश सेना के हर कदम को प्यार और गर्व से देखता है. उनकी अद्वितीय बहादुरी के कारण ही हम सुरक्षित हैं और इसीलिए उनका कार्य किसी भी सम्मान से बड़ा है."
राज ठाकरे के बेटे ने कहा, "इस पृष्ठभूमि में, वर्तमान में कुछ स्थानों पर विजय के प्रतीक के रूप में क्रियान्वित की जा रही पहलों को लेकर समाज में भावनात्मक भ्रम की स्थिति है. यह स्थिति विजय की नहीं, बल्कि युद्धविराम की है और इसलिए, जिस अवधि में हमारे बहादुर सैनिकों ने अपनी जान गंवाई, उसी अवधि के दौरान मनाए जाने वाले समारोह कई लोगों के लिए दिल तोड़ने वाले होते हैं."
हमें संवेदनशील होने की आवश्यकता है- अमित ठाकरे
पत्र में अमित ठाकरे ने लिखा, "इस समय यदि कुछ व्यक्त करना है तो वह है हमारे सैनिकों का बलिदान, उनकी बहादुरी की कहानियां और उनके परिवारों का अद्वितीय साहस. लेकिन, वर्तमान में कुछ स्थानों पर हो रहे खुशी के प्रदर्शन या 'विजय जुलूस' (मुख्यतः राजनीतिक प्रकृति के) उचित नहीं लगते. वास्तव में इस समय देशवासियों के दिल में एक ही भावना है, शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए दीर्घकालिक कल्याणकारी उपायों की आवश्यकता, और एक समाज के रूप में हमें इस बलिदान के प्रति अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है."
युद्ध अजून संपलेलं नाही…
— Amit Thackeray (@amitrthackeray) May 19, 2025
मा. पंतप्रधान नरेंद्र मोदीजी यांना या पार्श्वभूमीवर लिहिलेलं माझं पत्र… pic.twitter.com/RGWQCWVDmR
उन्होंने लिखा, "इसके अतिरिक्त, वर्तमान स्थिति को देखते हुए, देश में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है. उदाहरण के लिए, पहलगाम में हुआ क्रूर आतंकवादी हमला, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी, आज भी लोगों के मन में ताजा है. वास्तविक जनभावना उन क्रूर चरमपंथियों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई की है. इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर हमारे कुछ नागरिकों और सैनिकों ने अपनी अमूल्य जानें गंवाई हैं. ऐसी पृष्ठभूमि में जीत का जश्न मनाने के बजाय, समाज में इस संबंध में साक्षरता, जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा करना अधिक उपयुक्त होगा."
पाकिस्तान पर भरोसा करना मुश्किल है- अमित ठाकरे
एमएनएस नेता कहा कि भले ही फिलहाल युद्ध विराम की घोषणा कर दी गई है, लेकिन पाकिस्तान के पिछले इतिहास को देखते हुए उन पर पूरी तरह भरोसा करना मुश्किल है. इससे पहले भी वह कई बार ऐसे अवसरों पर असफल हो चुके हैं. इसलिए, नागरिकों को ऐसी परिस्थितियों के बारे में जागरूक रखना, उन्हें युद्ध जैसी स्थिति में क्या करना है, इस बारे में मार्गदर्शन देना और उन्हें मानसिक रूप से तैयार करना भी सरकार की नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए.
अंत में अमित ठाकरे ने लिखा, "मोदीजी, आज भी देशवासियों को ये भरोसा है कि आप सैनिकों के योगदान के प्रति संवेदनशील हैं, कृतज्ञ हैं और इसलिए, इस पत्र के माध्यम से, मैं ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि जब तक युद्ध का परिणाम स्पष्ट नहीं हो जाता, हम जीत का जश्न मनाने से बचें और देश के लिए शहीद हुए नायकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में इस दौरान संयम बरतें. हमें अपने निर्णायक नेतृत्व पर भरोसा है और आशा है कि हम इन भावनाओं को ध्यान में रखेंगे."
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Source: IOCL
























