Op Mahadev: '3 महीने तक किया इंतजार, अब भी उनसे...', नम आंखों से क्या बोलीं पहलगाम में जान गंवाने वाली की पत्नी?
Operation Mahadev: ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले के तीनों आतंकियों को सेना ने मार गिराया. हमेल में जान गंवाने वाले कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता ने कहा कि अब न्याय मिला, पीएम मोदी और सेना का धन्यवाद.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल 2025 में हुए आतंकी हमले के सभी 3 आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया है. ऑपरेशन महादेव के तहत यह कार्रवाई 28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में की गई. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस बड़ी सफलता की घोषणा की है.
वहीं इस हमले में जान गंवाने वाले पुणे निवासी कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता गणबोटे ने प्रतिक्रिया दी कि "3 महीने से हम इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब इंसाफ हुआ. मैं प्रधानमंत्री मोदी और सेना का धन्यवाद करती हूं."
पुणे से संगीता गणबोटे की भावुक प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि कौस्तुभ गणबोटे पहलगाम घूमने गए थे जब आतंकियों ने उन पर हमला किया. ऑपरेशन महादेव पर उनकी पत्नी संगीता गणबोटे ने कहा, "हमें भरोसा था कि जिन्होंने ऐसा किया, वे पकड़े जाएंगे और मारे जाएंगे. जब सुना कि आतंकियों को ढेर किया गया है, तो लगा कि मेरे पति को न्याय मिला."
अब भी यकीन नहीं होता कि वो नहीं हैं- संगीता गणबोटे
उन्होंने नम आंखों से कहा, "मैं उन्हें रोज याद करती हूं, उनके कमरे की लाइट जलाकर उनसे बात करती हूं. अब भी यकीन नहीं होता कि वो नहीं हैं, फिर भी मैं उनकी जगह पर लाइट जला देती हूं. चाय रख देती हूं, कभी कभी उनसे बात भी करती हूं."
#WATCH | All 3 terrorists involved in the Pahalgam attack killed in Operation Mahadev, announced Union HM Amit Shah in Lok Sabha
— ANI (@ANI) July 29, 2025
In Pune, Sangita Ganbote, the wife of Kaustubh Ganbote, who was killed in the Pahalgam Terror attack, says, "We had faith in Prime Minister Narendra… pic.twitter.com/i2VWEzrYlf
ऑपरेशन महादेव- सेना की सटीक और साहसी कार्रवाई
बता दें कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत 28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में मुठभेड़ की. इसमें लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सुलेमान शाह उर्फ फैजल जट समेत तीन आतंकी मारे गए.
4 पैरा स्पेशल फोर्स और 24 राष्ट्रीय राइफल्स की इस संयुक्त कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने वो लक्ष्य हासिल किया, जिसकी देश को तीन महीने से प्रतीक्षा थी ये वही आतंकी थे जो 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में शामिल थे.
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Source: IOCL
























