शरद-अजित पवार के एकसाथ आने को लेकर सुप्रिया सुले ने कह दी बड़ी बात, 'इसका असर हमारे...'
Sharad-Ajit Pawar Meeting: शरद पवार और अजित पवार की हालिया मुलाकातों पर सुप्रिया सुले ने कहा कि पवार परिवार में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका असर हमारे पारिवारिक रिश्तों पर कभी नहीं पड़ा है.

Supriya Sule On Sharad-Ajit Pawar Meeting: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चाचा-भतीजे की मुलाकातें, लगातार कई बैठकों में एक साथ दिखना, और इन सबसे उठते सवाल- क्या शरद पवार (Sharad Pawar) और अजित पवार (Ajit Pawar) फिर से एक हो सकते हैं? इन कयासों के बीच सुप्रिया सुले (Supriya Sule) का बयान इन चर्चाओं को नया मोड़ दे रहा है.
राजनीतिक मतभेद संभव, रिश्तों पर नहीं पड़ा असर- सुप्रिया सुले
NCP (SP) की वरिष्ठ नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने सोमवार (21 अप्रैल) को कहा, "पवार परिवार में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका असर हमारे पारिवारिक रिश्तों पर कभी नहीं पड़ा है."
दरअसल, बीते दो हफ्तों में शरद पवार और अजित पवार के बीच 3 बार मुलाकात हो चुकी है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों गुटों के बीच फिर से विलय संभव है. सोमवार (21 अप्रैल) को भी पुणे में हुई एक बैठक में दोनों नेता एक साथ नजर आए. इस मीटिंग का उद्देश्य कृषि और चीनी उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर चर्चा करना बताया गया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसके अलग ही मायने निकाले जा रहे हैं.
पवार परिवार कभी अलग नहीं हुआ- सुप्रिया सुले
जब सुप्रिया सुले से इस संभावित 'मिलन' पर सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा, "पवार परिवार कभी अलग नहीं हुआ. हम सभी भाई-बहन अपने पूर्वजों के सिखाए मूल्यों के साथ बड़े हुए हैं. मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वह कभी रिश्तों की दीवार नहीं बने."
यह बयान ऐसे समय आया है जब एनसीपी (अजित पवार गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के विलय की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. हालांकि, दोनों नेताओं की इन मुलाकातों को अब तक 'औपचारिक' करार दिया गया है, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी सिर्फ औपचारिक नहीं होता.
राजनीतिक विषेशज्ञ मानते हैं कि अगर चाचा-भतीजा साथ आते हैं तो यह महाराष्ट्र की मौजूदा सत्ता समीकरणों में बड़ा बदलाव ला सकता है. वहीं, सुप्रिया सुले का यह स्पष्ट संकेत है कि भले ही राजनीति में राहें जुदा हों, लेकिन पारिवारिक रिश्तों की डोर अब भी मजबूत है.
Source: IOCL





















