मुंबई ट्रिपल ब्लास्ट मामले में HC ने आरोपी को दी जमानत, 2012 में हुई थी गिरफ्तारी
Mumbai Triple Blasts Case: मुंबई में 13 जुलाई 2011 को तीन सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे. आरोपी अयूब को फरवरी 2012 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2011 में हुए ट्रिपल बम ब्लास्ट मामले के सिलसिले में गिरफ्तार 65 वर्षीय व्यक्ति को मंगलवार (04 नवंबर) को जमानत दे दी. इन विस्फोटों में 27 लोग मारे गए थे और 120 से अधिक घायल हुए थे. जस्टिस ए.एस. गडकरी और जस्टिस आर.आर. भोंसले की बेंच ने कफील अहमद मोहम्मद अयूब को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. विस्तृत आदेश की प्रति अभी मुहैया नहीं कराई गई है.
बिहार निवासी अयूब वर्तमान में मुंबई केन्द्रीय कारागार में बंद है. उसे फरवरी 2012 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है. मुंबई में 13 जुलाई 2011 को तीन सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे. ये विस्फोट जावेरी बाज़ार, ओपेरा हाउस और रेलवे स्टेशन के पास दादर कबूतरखाना में एक स्कूल के पास 10-10 मिनट के अंतराल पर हुए थे.
अयूब ने हाई कोर्ट में दी थी चुनौती
महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने आरोप लगाया था कि आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने इन विस्फोटों की साजिश रची थी और इसका संस्थापक यासीन भटकल मुख्य साजिशकर्ता था. अयूब ने विशेष अदालत के 2022 के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उसे ज़मानत देने से इनकार कर दिया गया था.
अयूब पर था मुस्लिम युवकों को उकसाने का आरोप
अभियोजन एजेंसी के अनुसार, अयूब और मामले के अन्य आरोपियों ने इंडियन मुजाहिदीन के इशारे पर मुस्लिम युवकों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उकसाया था. जांच एजेंसी ने दावा किया कि अयूब भटकल के निकट संपर्क में था. अयूब के वकील मुबीन सोलकर ने दलील दी कि वह एक दशक से ज़्यादा समय से जेल में है और मुकदमा अभी भी जारी है.
मुंबई ट्रिपल ब्लास्ट मामले अयूब ने क्या कहा?
वहीं अयूब ने दावा किया है कि वह निर्दोष है और उसे इस मामले में फंसाया गया है. अयूब ने कहा कि अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ खुद के इकबालिया बयान के अलावा कोई सबूत नहीं है. उसने साथ ही दावा किया कि उसने बयान स्वेच्छा से नहीं दिया था.
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