मराठा आंदोलन के चलते मुंबई में बिगड़ा ट्रैफिक का निजाम, लगा लंबा जाम
Mumbai Traffic Jams: मनोज जरांगे पाटील के नेतृत्व में आरक्षण को लेकर हजारों की संख्या में मराठा समाज के लोग मुंबई के आजाद मैदान में जुटे हैं, इसकी वजह से कई जगहों पर यातायात ठप है.

मुंबई में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटील का अनशन शनिवार (30 अगस्त) को दूसरे दिन भी जारी है. आरक्षण की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बीच शहर में कई जगहों पर भीषण ट्रैफिक जाम लगा हुआ है. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) के पास ट्रैफिक की रफ्तार थम गई.
हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी मुंबई के आजाद मैदान में इकट्ठा हुए हैं. ऐसे में मुंबई में कई जगहों पर यातायात बाधित है. कुछ जगहों पर गाड़ियां रेंगती हुई नजर आ रही हैं. आजाद मैदान से कुछ ही दूरी पर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पास भयंकर जाम होने से यात्रियों को दिक्कत हो रही है. वहीं, जाम की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
#WATCH | Maharashtra: Traffic halts near Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus (CSMT) in Mumbai where Maratha reservation protestors continue their protest. pic.twitter.com/Qo9nJwaesK
— ANI (@ANI) August 30, 2025
मनोज जरांगे के अनशन में हजारों कार्यकर्ता शामिल
दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शुक्रवार (29 अगस्त) से मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के अनशन में शामिल होने के लिए हजारों कार्यकर्ता लोकल ट्रेन और अन्य गाड़ियों से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पहुंचे हैं. सुबह से ही सीएसएमटी पर मराठा प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए पास में स्थित आंदोलन स्थल की ओर बढ़ते हुए दिखे थे.
भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की भारी तैनाती की गई है. यहां 2,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है. इसके साथ ही शहर कानून-व्यवस्था मेंटेन करने लिए सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. कुछ पुलिस कर्मी जो छुट्टी पर हैं उन्हें जल्द से जल्द ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है.
गौरतलब है कि मनोज जरांगे मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कैटेगरी के तहत 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि सभी मराठों को ओबीसी के तहत आने वाली कृषि प्रधान जाति कुनबी के रूप में मान्यता मिले.
Source: IOCL






















